हिसार – अग्रोहा धाम अग्रोहा विकास ट्रस्ट में आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर अनकों कार्यक्रम अग्रोहा धाम में हुआ। जिसमें भजन संध्या, 56 भोग, महिला कलश यात्रा, ध्वजारोहण व शक्ति सरोवर स्नान का कार्यक्रम भव्य रूप से हुआ। जिसमें भारी संख्या में धर्म प्रेमियों ने भाग लिया।

अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व के वैश्य समाज की आस्था अग्रोहा धाम में जुड़ी हुई है, दूर-दूर से हजारों लोग अग्रोहा धाम में मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। अग्रोहा धाम का विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। अग्रोहा धाम के नाम से देश के हर राज्य में भव्य भवन और मंदिर करोड़ों रुपए की लागत से बनाया जाएगा। मुंबई में अग्रोहा धाम का 50 कमरे व 2 हाल का भव्य भवन बनाया गया है और भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार दिल्ली में भी जल्द अग्रोहा धाम का भवन करोड़ों रूपये कि लागत से बनाया जाएगा। जिसके लिए जमीन ले ली गई है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अग्रवाल समाज सदियों से धार्मिक व सामाजिक कार्यों में लगा हुआ है। अग्रवाल समाज का देश के विकास, तरक्की व देश की आजादी में भी अहम भूमिका रही है। राष्ट्रपिता बापू महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय आदि जैसे देशभक्तिों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर देश को आजाद कराने का काम किया। हमें भी ऐसे देश भक्तों के आदर्शों पर चलकर राष्ट्रीय व देश की जनता के हित में हम सभ को मिलकर कार्य करना चाहिए और हर जरूरतमंद की मदद के लिए आगे आना चाहिए। जन सेवा ही नरायण सेवा है। जनसेवा से भगवान भी प्रसन्न होते हैं।

इस अवसर पर अग्रोहा धाम के मुख्य संरक्षक नंद किशोर गोयनका, श्रीमती कुसुम रालवासिया, अग्रवाल महिला कि जिला प्रधान सुचिता सर्राफ, महासचिव किशन खारिया, कोषाध्यक्ष देवकीनंदन अग्रवाल, धर्मेद्र गोयल, रिमी गुप्ता, राष्ट्रीय उपप्रधान नरेश अग्रवाल दिल्ली, पंजाब प्रदेश प्रधान स्वरूप चंद सिंगला, पंचकूला प्रधान सत्यनारायण गुप्ता, जय प्रकाश गोयल, डा. मुकेश जैन, महेश सर्राफ मुथरा, धीरज कुमार, संदीप कुमार, राजेन्द्र बंसल, जुगल किशोर अलवर राजस्थान, मुंबई अग्रवाल समाज प्रधान महावीर अग्रवाल, विपुल अग्रवाल शामली यूपी, चण्डीगढ़ राजीव गुप्ता, अग्रवाल सभा करनाल युवा प्रधान रकेश जिन्दल, बददी हिमाचल सुभाष गोयल, बाबू लाल अग्रवाल छत्तीसगढ़, श्याम लाल बंसल सूरत आदि समाज के प्रतिनिधियों ने भारी संख्या में भाग लिया।