नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा”अधिकारी”)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश के बावजूद जबलपुर में पेंटीनाका-बरेला रोड के अतिक्रमण न हटाए जाने के मामले में स्पष्टीकरण तलब कर लिया है। इस सिलसिले में नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त व नगर परिषद बरेला के सीइओ को अवमानना नोटिस जारी किए गए हैं। स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुईं।

इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता एमपी स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष व जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता व रमाकांत अवस्थी ने पक्ष रखा।उन्होंने दलील दी कि 2006 में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान समय-समय पर आदेश-निर्देश जारी किए गए। जिनके परिपालन में 80 फुट चौड़ी पेंटीनाका-बरेला रोड को संकरा करने वाले अतिक्रमण हटाए गए। लेकिन फालोअप के अभाव में वे नए सिरे से काबिज हो गए। आलम यह है कि सड़क के दोनों तरफ मनमाने तरीके से ठेले-टपरे लगा लिए गए हैं। इससे सड़क संकरी हो गई है। सड़क पर कचरा फेंका जाता है। इससे प्रदूषण फैल रहा है। संक्रामक बीमारियों का खतरा बना है। साथ ही ट्रेफिक जाम व दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। सड़क को फोर लेन रूप में चौड़ा करने 70 करोड़ का ठेका जारी होने के बावजूद अराजकता मची है।