जयपुर /अब आर्ट्स व कॉमर्स से सीनियर सैकंडरी करने वाले विद्यार्थी भी बीएससी नर्सिंग कर सकेंगे। अभी तक यह काेर्स सीनियर सैकंडरी में बायलाॅजी से उत्तीर्ण विद्यार्थी ही कर सकते थे। हालांकि, आर्ट्स व कॉमर्स से सीनियर सैकंडरी करने वाले विद्यार्थी के 45% अंक हाेने पर ही वे बीएससी नर्सिंग में प्रवेश ले पाएंगे। एएनएम भी प्रवेश के लिए योग्य हाेंगे। इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने बीएससी नर्सिंग का देशभर में एक समान संशोधित सिलेबस तैयार किया है। इसके तहत कई बदलाव किए हैं। ये सत्र 2020-21 से लागू होंगे।
नए नियमाें के तहत बीएससी नर्सिंग कराने वाले संस्थानाें में नर्सिंग फाउंडेशन, मेडिकल सर्जिकल, साइकेट्री, पीडियाट्रिक, मिडवाइफरी एंड गायनी अौर कम्यूनिटी हैल्थ नर्सिंग विभाग का होना जरूरी हाेगा। प्रदेश में इस साल राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने 3882 सीटाें पर बीएससी नर्सिंग के प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित की थी।
बीएससी नर्सिंग में प्रवेश लेने वालों को पहले की तरह टेस्ट परीक्षा से गुजरना हाेगा। परीक्षा या तो संबंधित हैल्थ साइंस यूनिवर्सिटी या सरकार लेगी। इसमें 100 अंकों के पेपर में एप्टीट्यूट फॉर नर्सिंग (10 अंक), जनरल साइंस (50 अंक), जनरल नॉलेज (20 अंक), अंग्रेजी (10 अंक) एवं सामान्य योग्यता (10 अंक) शामिल हैं। पहले भी टेस्ट हाेता था, लेकिन अंकाें व विषय का निर्धारण किया गया है।

अारयूएचएस (नर्सिंग) के डीन डाॅ. नवीन पारीक ने बताया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने सत्र 2020-21 से बीएससी नर्सिंग के सिलेबस में बदलाव किया है। इसके तहत अाट्‌र्स व कॉमर्स वाले भी बीएससी नर्सिंग कर सकेंगे। सेमेस्टर सिस्टम भी लागू किया है। उधर, अारयूएचएस के असिस्टेंट रजिस्ट्रार शशिकांत शर्मा ने कहा कि संशाेधित नियमों की पालना करेंगे।
प्रदेश में 172 नर्सिंग संस्थान हैं।, जबकि देशभर में 1968 सरकारी व निजी नर्सिंग संस्थान हैं। देशभर में बीएससी नर्सिंग की 9 लाख 8 हजार 864 सीटें हैं। राजस्थान में सत्र 2020-21 से 10 से 30 नए सरकारी व निजी बीएससी नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे। यह इसलिए हाेगा, क्याेंकि सत्र 2020-21 से जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) का कोर्स बंद हो जाएगा।

सेमेस्टर सिस्टम लागू, इंटरनल मार्क बढ़ाए
अब सेमेस्टर सिस्टम लागू हाेगा।
इंटरनल मार्क्स भी 20 से बढ़ाकर अब 25% किए।
बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए अायोजित एंट्रेस एग्जाम में न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य। अभी न्यूनतम अंक निर्धारित नहीं थे अाैर सीटाें के हिसाब से प्रवेश मिल जाता था।
ग्रेडिग सिस्टम लागू किया। अभी तक अंक मिलते थे।
प्रवेश टेस्ट पहले की तरह 100 अंक का होगा, लेकिन इस बार विषयवार अंक निर्धारित किए गए हैं।
संस्थानों में स्किल लैब अनिवार्य हाेगी। अभी इसके बिना भी कई संस्थानाें में यह काेर्स कराया जाता था।