कश्मीर में आतंकियों से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए तीनों सेना के विशेष बल को तैनात करने का निर्णय लिया है। थल सेना, नोसेना और वायुसेना के विशेष बल कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का सफाया करने के लिए संयुक्त रूप से तैनात किए जा रहे हैं। इस अभियान में तीनों सेनाओं की सबसे अच्छी इकाई- आर्मी के पैरा- स्पेशल फोर्सेज, नेवी के मरीन कमांडोज यानी मार्कोस और एयर फोर्स के गरुड़ स्पेशल फोर्स को तैनात किया जा रहा है।

तीनों सेना के विशेष बल संयुक्त रूप से आंतकियों के खिलाफ अभियान चलाएंगे। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक इनकी तैनाती रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित नई आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन (AFSOD) के तहत की गई है। तीनों सेना के संयुक्त विशेष दल पहले से ही आर्मी पैरा (विशेष बल) के रूप में काम कर रहे हैं। इन्हें श्रीनगर के पास आतंकियों के गढ़ माने जानेवाले इलाके में तैनात किया गया है।
हालांकि, नौ सेना के मार्कोस कमांडों की और वायु सेना के गरुड़ कमांडों की एक छोटी टीम कश्मीर घाटी में काम कर रही है। लेकिन पहली बार तीनों सेना की संयुक्त टीम को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द मार्कोस और गरुड़ को आतंक-रोधी अभियान में तैनात किया जाएगा।

नौसेना के मार्कोस कमांडों को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में स्थित वुलर झील इलाके में जबकि वायुसेना के गरुड़ लोलाब और हाजीन इलाके में तैनात किए गए हैं। बता दें कि, वायु सेना के विशेष बल ने पहले भी कश्मीर घाटी में कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दे चुकी है। ‘ऑपरेशन राख हाजीन’ के तहत इन्होंने छह आतंकियों को मार गिराया था। इसके लिए जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित भी किया गया था।