एक्रीडेशन होने के बाद विश्वविद्यालय को आइसीएआर के प्रोजेक्ट्स और अनुदान नियमित रूप से मिल सकेंगे। शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों को और गति मिलेगी। इससे किसानों को लाभ होगा। विश्वविद्यालय में अध्ययन कर चुके विद्यार्थियों को देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल सकेगा।
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि आइसीएआर की पांच सदस्यीय रिव्यू टीम ने गत 9 से 11 नवंबर तक समस्त महाविद्यालयों एवं निदेशालयों का निरीक्षण किया था। टीम द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट आइसीएआर के समक्ष प्रस्तुत की गई। इसके बाद 9 दिसम्बर को नेशनल एग्रीकल्चरल एजुकेशन एक्रीडेशन बोर्ड की 25वीं बैठक में एक्रीडेशन से संबंधित चर्चा हुई। इसके बाद आइसीएआर द्वारा विश्वविद्यालय एवं इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों का एक्रीडेशन कर दिया गया है। एक्रीडेशन की यह अवधि 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक रहेगी।
प्रो. मिश्रा से मिले कुलपति
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में एग्रीकल्चरल साइंिटस्ट रिक्रूटमेंट बोर्ड के चेयरमैन प्रो. ए. के. मिश्रा और भारतीय कृषि उप महानिदेशक (शिक्षा) डाॅ. आर. सी. अग्रवाल से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के संबंध में चर्चा की।
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