पुरुष उपासरे का लोकार्पण, संक्रांति महोत्सव 14 को
बीकानेर,11 मार्च। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी और बीकानेर मूल के गणिवर्य जयकीर्ति गुरुवार को सुबह सात बजे बीछवाल की कोरोनेट वूल मील (सेठिया वूलन मील) से विहार कर गोगागेट सर्किल (स्थित बल्लभ चैक) के पास स्थित गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे। गुरुवार को वे गौड़ी पाश्र्वनाथ में प्रवास करेंगे। शुक्रवार 13 मार्च को सुबह नौ बजे गाजे-बाजे से शोभायात्रा के साथ जैन बहुल्य में होते हुए रांगड़ी चैक की तपागच्छीय पौषधशाला में पहुंचेगे।
आचार्यश्री के कार्यक्रमों को बुधवार को वरिष्ठ श्रावक शांति लाल सेठिया, चन्द्र कुमार कोचर व शांतिलाल सेठिया आदि ने अंतिम रूप दिया। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ के वरिष्ठ श्रावक शांति लाल कोचर ने बताया कि आचार्यश्री के 13 मार्च को नगर प्रवेश के दौरान अनेक मोहल्लों में गवळी सजाकर वंदन व स्वागत किया जाएगा। शोभायात्रा के मार्ग पर स्वागत बेनर लगाएं जाएंगे व द्वार स्थापित किए जाएंगें। भोले बाबा और स्वर्ण संत के रूप में विख्यात आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी म.सा. 14 मार्च (शनिवार) को रांगड़ी चैक की तपागच्छीय पौषधशाला से सुबह रवाना होकर कोचरों के चैक में पंच मंदिर के पास तपागच्छीय अधिष्ठायक चमत्कारी देव श्रीमणिभद्र वीर मंदिर व कोचर पुरुष उपासरे के द्वार का मंत्रोच्चारण से लोकापर्ण करेंगे।

आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी म.सा. 14 मार्च को उपासरे के द्वार के लोकापर्ण के बाद सकलश्री संघ के साथ गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर में सुबह दस बजे महामंगलकारी संक्रांति प्रवचन करेंगे। प्रवचन के बाद गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर परिसर में ही स्वामीवत्सल का आयोजन होगा, जिसके लाभार्थी सुश्रावक माणक चंद-शांति लाल सेठिया, गुलाबचंद-चन्द्र कुमार कोचर और सुश्रावक भंवर लाल, सुन्दरलाल, शांति लाल व देवेन्द्र कुमार कोचर परिवार होंगे। आचार्यश्री का 66 वां जन्म दिन 18 मार्च को जप,तप, धर्म,ध्यान और दान-पुण्य के साथ मनाया जाएगा।