बिहार(सुपौल)-(कोशी ब्यूरों)-जन्मभूमि एवं कर्मभूमि से बड़ा कुछ नहीं होता है। युवा राजद नेता संजीव कुमार मिश्रा छातापुर विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते उन्होंने कहा कि गरीबी क्या होती है यह बहुत नजदीक से देखे हैं। 2016 में बीए की पढ़ाई छोड़ संजीव दिल्ली की ओर निकल पड़े। वहां मेहनत मजदूरी करने के बाद उन्हें अपनी जन्म भूमि की याद आने लगी। लेकिन जन्म भूमि के युवाओं के लिए एक सपना उनके दिमाग में हर वक्त घूम रहा था। वहां से आने के बाद कोसी और सीमांचल की राजधानी कहे जाने वाली पूर्णिया को उन्होंने अपना कर्मभूमि बनाया। यह कर्मभूमि उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था। आज 13 प्रोजेक्ट के मालिक संजीव मिश्रा लगभग एक हजार युवाओं को रोजगार दे अपने अधूरे सपने को साकार कर रहे हैं। युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव संजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ राजनीतिक करना ही नहीं बल्कि क्षेत्र के युवाओं महिलाओं और गरीबों का उत्थान करना है।

उन्होंने कहा कि वह जाति की नहीं जमात की राजनीति करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान राज्य के बाहर लोगों को अपने घर पहुंचा कर संजीव मिश्रा ने एक अद्भुत मिसाल कायम किया। उन्होंने कहा कि एक गरीब घर का बेटा हूं और मुझसे अधिक गरीबों के बारे में कोई दूसरा नहीं जानता यही कारण है कि गरीबों का स्नेह और प्यार मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है।कहा कि वे राजनीति में रहे या नहीं रहे आम जनता की सेवा उनका उद्देश्य है। क्षेत्र के स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार को लेकर वे पहले से भी काम कर रहे हैं और आगे भी कार्य करते रहेंगे। कहा कि पनोरमा स्कूल और पनोरमा हॉस्पिटल फिलहाल उन्होंने छातापुर में स्थापित किया है। इसके अलावा कई सड़क जो चलने लायक नहीं था उसक भी निर्माण करवाया है। मौके पर काफी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे।