बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के मैकेनिकल विभाग में टैक्युप द्वारा प्रायोजित “मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज एंड इंडस्ट्री 4.0” विषय पर पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का समापन आईआईटी रूडकी के प्रो. प्रदीप कुमार के आतिथ्य में हुआ l उन्होंने विश्व में हो रहे औद्योगिक बदलावों पर प्रकाश डाला और कहा कि देश में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप कोयला उद्योग और कोल इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कोडेक, फूजी व नोकिया कंपनी के उदहारण देते हुए बताया कि इंडस्ट्री 4.0 का उच्च प्रतिस्पर्धा में व्यवसाय और समाज पर क्या प्रभाव है, और कैसे इससे व्यावसायिक सफलता हासिल की जा सकती है।

समापन समारोह के दुसरे सत्र में डॉ. रायकर ने बताया की स्मार्ट फैक्टरी में इंटरऑपरेबल सिस्टम, मल्टी-स्केल डायनामिक मॉडलिंग और सिमुलेशन, इंटेलिजेंट ऑटोमेशन, मजबूत साइबर सुरक्षा और नेटवर्क सेंसर होते और मशीन बाहरी उपकरणों से इनपुट के आधार पर अपनी प्रक्रियाओं को समायोजित करने की अनुमति देती है।

ईसीबी प्राचार्य डॉ जयप्रकाश भामू ने बताया की भारत में सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास विनिर्माण बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए, “मेक इन इंडिया” पहल ‘उद्योग 4.0’ को व्यापक रूप से अपना रही है, जो उद्योग के संयोजन के लिए नया मूलमंत्र है ।

विभागाध्यक्ष डॉ सी. एस. राजोरिया ने बताया की महान उत्पादों को केवल डिज़ाइन नहीं किया जाता है, बल्कि इसके बजाय वे कई घंटों के अनुसंधान, विश्लेषण, डिज़ाइन अध्ययन, इंजीनियरिंग और प्रोटोटाइप प्रयासों के माध्यम से समय के साथ विकसित होते हैं, और अंत में, परीक्षण, संशोधन, और पुन: परीक्षण करते हैं जब तक कि डिज़ाइन को पूर्ण नहीं किया गया हो। डॉ ओ पी जाखड़ ने बताया की इस कार्यशाला में 300 शोधार्थियों ने लाभ उठाया ।कार्यक्रम समन्वयक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने डॉ रवि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।