– देश भर से रही 200 शिक्षकों की भागीदारी, अंतिम दिन कार्यक्रम का मार्गदर्शन किया पूर्ण आइपीएस मदन मेघवाल ने

बीकानेर।अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के रसायन शास्त्र विभाग के तत्वाधान में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के अटल अकादमी योजना द्वारा प्रायोजित “वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत” विषयक पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन पूर्व आईपीएस श्री मदन गोपाल मेघवाल के मुख्य आथित्य में हुआ। मेघवाल ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण के महत्व को जनमानस तक पहुंचाने का श्रेष्ठ कार्य एक शिक्षक द्वारा ही किया जा सकता है। ऊर्जा सरंक्षण देश की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को उपयोग कर कर देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एमएनआईटी जयपुर के प्रोफेसर रोहित भाकर ने एआईसीटीई द्वारा किए जा रहे इस अभिनव प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब ऊर्जा के उपयोग ,उत्पादन व संरक्षण हेतु मिलकर प्रयास करने होंगे तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को मुख्यधारा में लाना होगा।

ईसीबी जयप्रकाश भामू ने कॉलेज स्तर पर वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत पर चल रहे शोध पर चर्चा करते हुए बताया कि कॉलेज द्वारा गांव को गोद लेकर लोगों को ऊर्जा के स्रोत के प्रचार व इसके उपयोग के बारे में अवगत कराया गया है तथा समय-समय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा इनको सुचारू रूप से चलाने में आने वाली समस्याओं का निवारण भी किया गया है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आई.आई.टी. दिल्ली के प्रो. सुधीर मिश्रा द्वारा फोटोवॉल्टिक ऊर्जा व माइक्रोग्रिड के बारे में व्याख्यान दिया गया। इसी क्रम में मैनेजमेंट गुरु व मास्टर ट्रेनर डॉ गौरव बिस्सा द्वारा दैनिक जीवन में तनाव के कारण व उसके निवारण पर व्याख्यान दिया गया। ग्रीन रिसर्च सेंटर के डॉ नरेंद्र भोजक द्वारा ग्रीन सिरामिक्स व इसके उपयोग द्वारा पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के तरीकों पर व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ प्रवीण पुरोहित ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश भर के करीब दो सौ शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया ।

इन प्रतिभागियों को एआईसीटीई द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण पत्र दिए जायेंगे l कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सिंह शेखावत ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग में आने वाली सामान्य व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता डॉ इंदु भूरिया ने किया।