जयपुर, 21 मई। डिजिटल इंडिया के वास्तुकार, दूरसंचार और कंप्यूटर क्रांति के जनक, लोकल गवर्नेंस और यंग इंडिया के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधीजी की 29 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल कोटा इकाई द्वारा आर्किटेक्ट ऑफ डिजिटल इंडिया द विजन ऑफ राजीव गांधी विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार में भँवर सिंह भाटी, वेबिनार के कीपर्सन व उच्च शिक्षा मंत्री, राजस्थान, डॉ सुभाष गर्ग, राज्य समन्वयक, राजीव गांधी स्टडी सर्किल एवं मंत्री तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा, राजस्थान, प्रोफेसर सतीश राय, वेबिनार के मुख्य स्रोत व राष्ट्रीय समन्वयक, राजीव गांधी स्टडी सर्किल, डॉ एस एन सुब्बाराव, गांधियन फिलॉसफर एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर बीएम शर्मा, पूर्व कुलपति एवं चेयरमैन, राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशनय डॉ गोपाल सिंह, अर्थशास्त्रीय प्रोफेसर आर एल गोदारा, कुलपति, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा, डॉ जे पी यादव, कुलपति, राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय,अलवर श्री पंकज मेहता, रविंद्र त्यागी, जिलाध्यक्ष, कोटा, डॉ रत्ना जैन, पूर्व महापौर, कोटा, देश के विभिन्न राज्यों व राजस्थान के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। इस वेबिनार का आयोजन डॉ अनुज विलियम्स, समन्वयक, राजीव गांधी स्टडी सर्किल, कोटा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ सुभाष गर्ग, राज्य समन्वयक, राजीव गांधी स्टडी सर्किल ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी जी को श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी अहम भूमिका है।
इस वेबिनार के कीपर्सन व मुख्य अतिथि के रूप में भँवर सिंह भाटी ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने आज से 35 वर्ष पूर्व ही उस तकनीकी व विज्ञान की भारत में शुरुआत कर दी थी, जिसके कारण कोरोना महामारी की स्थिति में हम डिजिटल वेबिनार, वर्क फ्रॉम होम, ई-कंटेंट, ई-टीचिंग- लर्निंग, ई-लाइब्रेरी, ऑनलाइन एग्जाम, ऑनलाइन फ्लाइट, रेल व बस बुकिंग, ऑनलाइन बिजनेस और ऑनलाइन बिल पेमेंट की बात कर रहे हैं। देश में उन्हें डिजिटल इंडिया, दूरसंचार व कंप्यूटरिकरण, शिक्षा के आधुनिकीकरण व ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार, लोकल सेल्फ गवर्नेन्स, यंग इंडिया आदि के फाउंडर के रूप में जाना जाता है। इसके लिए उन्होंने सेन्टर ऑफ डेवलपमेन्ट ऑफ टेलेमैट्रिक्स 1984, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 व रिडक्शन इन वोटर्स ऐज 1989 जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए। आज पंचायती राज संस्थाओं की स्वायत्तता और स्वतंत्रता राजीव गांधी जी की ही दूरदर्शी सोच का परिणाम है। जिसके माध्यम से मनरेगा, बी पी एल, ओल्ड एज पेंशन, किसान को ऋण व सब्सिडी को राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है।

इसके साथ ही, भाटी ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी के समय किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों व निर्णयों का श्रेय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं दिन-रात मेहनत कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व बैठकों के माध्यम से फीडबैक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। उनके प्रयासों की देशभर में सराहना व अनुकरण हो रहा है।
वेबिनार में प्रतिभागियों ने स्व श्री राजीव गांधी के जीवन के विभिन्न पहलुओं व देश की वर्तमान परिस्थितियों पर प्रकाश डाला और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।