बहादुर साथियों ने मात्र दो हफ्ते की तैयारियाें से 1 लाख से अधिक वोट हासिल करने का बनाया रिकॉर्ड

अम्बाला। अम्बाला के बहादुर साथियों ने मात्र दो हफ्ते की तैयारियाें से अम्बाला सिटी और अम्बाला कैंट में 1 लाख से अधिक वोट हासिल करने का जो रिकॉर्ड बनाया है उसकी गूंज पूरे हरियाणा के साथ साथ दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में भी खूब हो रही है।
अपने अम्बाला छावनी स्थित आवास पर शहरी कार्यकर्त्ताओं की पीठ थपथपाते हुए हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्‌डा के साथ वापसी करने की अटकलों पर पूर्णविराम लगाते हुए कहा कि अब उनके भविष्य की राजनीति केवल उनके साथी ही तय करेंगे और किसी भी स्थिति में वे इस संबंध में स्वयं फैसला नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि गांधी परिवार से उनके दशकों पुराने रिशते जगजाहिर हैं लेकिन प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व की गुटबाजी के चलते उन्हें 1996 के बाद दूसरी बार राजनैतिक शिकार बनाया गया। राजनीति के प्रारंभिक काल 1982 से ही उनकी धारणा रही है कि उत्तरी हरियाणा के हितों को निजी स्वार्थों के चलते उपेक्षित रखा जाता है जबकि हरियाणा के शेष क्षेत्राें के नेता अपने अपने इलाकों के हितों की लड़ाई की खातिर उत्तरी हरियाणा की बलि चढ़ाते आए हैं।
निर्मल सिंह ने कहा कि हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट को पूरे हरियाणा से आपार समर्थन मिल रहा है लेकिन फिलहाल उनका मोर्चा उत्तरी हरियाणा की 27 विधानसभा सीटों पर ही अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित करने का लक्ष्य बनाए हुए है। उन्हाेंने कहा कि मात्र 10 विधायकों के साथ जब जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम का पद हासिल कर सकते हैं तो फिर 27 विधानसभा सीटों वाले उत्तरी हरियाणा को उसके हकों से कैसे वंचित रखा जा सकता है।
पूर्व मंत्री ने कांग्रेस में वापसी की तमाम अटकलों को नकारते हुए कहा कि 2004 मेें भूपेन्द्र सिंह हुड्‌डा, किरण चौधरी, राव इंद्रजीत सिंह, राव दान सिंह समेत एक दर्जन वरिष्ठ नेताओं के आग्राह पर ही वे कुमारी सैलजा को उत्तरी हरियाणा के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए सिरसा से हरियाणा लाए थे। यहां लाकर उन्होंने कुमारी सैलजा को अपने जीवनभर की राजनैतिक पूंजी सौंप दी लेकिन नतीजा यह निकला कि कुमारी सैलजा ने अम्बाला को अपने बपौती मानकर उनके परिवार की टिकटे काट दी।
उन्होंने कहा कि यदि इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकटों की बंदरबांट न होती तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने निजी हितों के कारण कांग्रेस पार्टी को इस स्थिति में पहुंचा दिया कि आज दिल्ली चुनाव में कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ती दिखाई दे रही है।
निर्मल सिंह ने यहां मौजूद कार्यकर्त्ताओं की बहादुरी और सर्मपण भाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट को घर घर तक पहुंचाने के लिए वे युद्ध स्तर पर जनसंपर्क अभियान शुरू करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तरी हरियाणा को वर्षों से एक ऐसे नेता और मोर्चे की जरूरत है, जो उसके हितों की लड़ाई हर स्तर पर लड़ सके।
उन्होंने कहा कि वे 15 मार्च को मोर्चे की एक बड़ी बैठक बुलाने का इरादा रखते हैं जबकि सहयोगी इस बैठक के लिए कुछ और समय चाहते है। जैसा भी सारे सहयोगी चाहेंगे बैठक के लिए वही दिन तय किया जाएगा। मोर्चे की रणनीति और भविष्य की दिशा तय करने में किसी भी तरह का शक संदेह नहीं रखा जाएगा और सारी कार्यशैली पूर्णत: पारदर्शी होगी।
उनसे पूर्व पार्टी कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करते हुए चित्रा सरवारा ने सभी सहयोगियों का हृदय से आभार जताते हुए कहा कि निकट भविष्य में होने वाले निकाय चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर कारगर रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट अपने झंडे और चुनाव चिह्न के साथ राजनैतिक क्षितिज पर अपनी शानदार उपलब्धियों का परचम लहराएगा।

पूर्व मंत्री ने कहा कि साथियों की रात दिन की मेहनत की बदौलत ही अम्बाला शहर और अम्बाला छावनी में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवाने के बाद 1 लाख से अधिक वोट हासिल करना सभी के लिए गर्व की बात है।
इस बैठक में ब्रहमपाल राणा पूर्व चेयरमैन जिला परिषद, विरेंद्र गांधी पार्षद, सुरेन्द्र तिवारी पार्षद, सुरेश त्रेहन पूर्व पार्षद, गगन डांग पूर्व पार्षद, अजय वालिया पूर्व पार्षद, सुरेश विग पूर्व पार्षद, सूबेदार सिंह पूर्व पार्षद, विकास वालिया, विजय गुम्बर, अविनाश कुमार, विजय वालिया, नरिन्द्र जैन, विश्वनाथ यादव, श्याम मनचंदा, रतन लाल टांक प्रधान एससी सेल, सतीश सैनी, कंवलजीत मलकीयत सिंह, कमल धीमान, अमित हांडा, अशोक शर्मा, दिनेश चोपड़ा, राजीव दुग्गल, राजीव अनेजा, हरमिंदर सिंह हीरा, राजन शास्त्री, धर्मपाल ध्यानी, अश्वनी आहूजा, आबिद खान, रीमा गुप्ता, नीतू अरोड़ा, राजेश गर्ग, ललित कुमार शानू, अरुण गोयल, तिलक राज, एचएस मान, विजय बंसल, अजय पहलवान, मोहित कुमार, राजेश शर्मा, नीरज शर्मा और बिमल हंस ने अपने अपने विचार रखे। इस बैठक में अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र शहरी के हजारों कार्यकर्त्ताओं ने शिरकत की।