स्थानीय कला व उद्योगों का हुनर सिखाएं युवाओं को-गौतम
बीकानेर, 26 नवंबर। बीकानेर की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उस्ता कला, पापड़ और कालीन उद्योग के संरक्षण, संवर्द्धन व युवाओं को इससे जोड़कर रोजगार दिलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित आरएसएलडीसी तथा रोजगार से जुड़ी अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाओं को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत बैच प्रारम्भ किए जाएंगे इससे स्थानीय युवाओं ना केवल यहां की बहुमूल्य कलाएं सीखने का अवसर मिलेगा बल्कि वे इसे आय का जरिया भी बना सकेंगे।युवाओं के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिला कलक्टर ने कहा कि स्थानीय स्तर के ट्रेनिंग पार्टनर को इससे जोड़कर युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में प्रयास किए जाएं। आरएसएलडीसी स्थानीय स्तर पर ट्रेनिंग पार्टनर ढूंढे तथा इन नए कोर्स के जल्द से जल्द बैच प्रारंभ करें। गौतम ने बीकानेर के टूरिज्म उद्योग को प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध कराने के लिए भी शीघ्र बैच बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीकानेर में टूरिज्म एक बड़े उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है। यहां के होटलों को अच्छे प्रशिक्षित कर्मचारी मिल सके इसके लिए होटल इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगपतियों के साथ मिलकर इस संबंध में कार्यक्रम तैयार किया जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके और यहां की होटल टूरिज्म इंडस्ट्री को भी कुशल कामगार मिल सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि कालीन तथा बड़ी पापड़, कशीदाकारी और हस्त कलाओं से जुड़ी इंडस्ट्री को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए भी आरएसएलडीसी और अन्य संबंधित एजेंसियां समन्वित प्रयास कर एक ऐसा स्टोर स्थापित करें , जहां इस इंडस्ट्री से जुड़ी वस्तुओं को बाजार मिल सके।

नारी निकेतन, बाल गृह में आवासित को भी दें ट्रैनिंग
गौतम ने कहा कि नारी निकेतन, बालिका गृह, बालगह आदि में आवासित बच्चों, महिलाओं के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करवाने की दिशा में सकारात्मक पहल हो। इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी की जाए ताकि गुणवत्तापरक प्रशिक्षण हो तथा कुशलतम युवा तैयार हो सके।
सेना भर्ती के लिए प्रेरित किए जाएं युवा
गौतम ने निर्देश दिए कि रोजगार विभाग सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में रहने वाले युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करें, इसके लिए विशेष मोटिवेशनल कैंप आयोजित किए जाएं। इन शिविरों में बीएसएफ आर्मी और एयरफोर्स अधिकारियों का भी सक्रिय सहयोग लिया जाए। ऐसे यूथ मेले आयोजित किया जाए जिससे युवाओं को सेना में जाने की प्रेरणा मिल सके और सेना भर्तियों में वह अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रोजगार हासिल करने के साथ-साथ देश सेवा से भी जुड़ सकें।

हैंडीक्राफ्ट ट्यूरिज्म विलेज हो विकसित
गौतम ने कहा कि जिले में कई गांवों में महिलाओं द्वारा कशीदाकारी और हैंडीक्राफ्ट से जुड़े सामान बड़े स्तर पर तैयार किए जाते हैं। इन गांवों की पहचान हैंडीक्राफ्ट ट्यूरिज्म विलेज के रूप में बने इसके लिए प्लान करें तथा स्थानीय संस्कृति और हैंडीक्राफ्ट को इन पर्यटन केन्द्रों के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिल सकेगी। बैठक में आरएसएलडीसी जिला कौशल समन्वयक अविकल खारखोदिया तथा रोजगार विभाग सहायक निदेशक हरगोविंद सिंह मित्तल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
—–