ऊँट उत्सव तहत एनआरसीसी में ऊँट दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन

बीकानेर 12 जनवरी। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेषक डाॅ. आर.के.सावल ने अन्तर्राष्ट्रीय ऊँट उत्सव के तहत रविवार को एनआरसीसी में प्रथम बार ऊँट दौड़ प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एनआरसीसी में आयोजित इस ऊँट दौड़ प्रतियोगिता को देखने जन सैलाब उमड़ पड़ा। करीब 2000 से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक गण इस रोमांचक दौड़ के साक्षी बनें। केन्द्र निदशक डाॅ.सावल ने दौड़ प्रतियोगिता हेतु एनआरसीसी को चुनने पर पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार एवं जिला प्रशासन, बीकानेर का आभार व्यक्त करते हुए आगे कहा कि बदलते परिदृष्य में ऊँट को पर्यटन-मनोरंजन आदि से जुड़े ऐसे अनेकानेक नए आयामों के रूप में भी स्थापित करना होगा तथा इस अनूठी प्रजाति में इसकी प्रबल संभावनाएँ विद्यमान है, खासकर राजस्थान में पर्यटन उद्योग को ध्यान में रखते हुए ऊँट पालक भाई इसे अपनाए जाने हेतु अपनी सोच विकसित करें ताकि इनके माध्यम से न केवल उनकी समाजार्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके अपितु उष्ट्र प्रजाति के विकास एवं संरक्षण हेतु भी ऐसे नूतन प्रयास महत्वपूर्ण रूप से सहायक सिद्ध हो सकेंगे।

बतौर केन्द्र निदशक-इस प्रतियोगिता के सफल संचालन हेतु केन्द्र पिछले लगभग 8 माह से अपने परिक्षेत्र में रेतीले धोरों को समतल बनाते हुए ट्रैक तैयार करने में जुटा रहा तथा इसकी सफलता पर भविष्य में भी बड़े स्तर पर एनआरसीसी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयोजनार्थ ऐसे आयोजन की मंशा रखता है।

एनआरसीसी में इस ऊँट दौड़ के अवसर पर पधारे श्रीमान आनंद प्रकाष, महाप्रबंधक, उत्तर पष्चिम रेलवे के कर-कमलों से रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया गया। मंडल रेल प्रबंधक श्री संजय कुमार श्रीवास्तव, एडीआरएम, रेलवे, मेजर जनरल वेस्टर्न कमांड के प्रधान, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेषक एवं सहायक निदेषक आदि सम्माननीय अतिथि गणों ने भी इस महत्वपूर्ण दौड़ प्रतियोगिता में शिरकत कीं।
इस दौड़ प्रतियोगिता में 12 ऊँट सवारों ने अपने ऊँट दौड़ाए। प्रतिभागी ऊँटों की दो बार हीट करवाई गई तथा तीसरा राउंड फाइनल मुकाबले का रहा।