एमएसएमई एक्ट-2006 की जगह उद्यम रजिस्ट्रेशन लागू हो गया है। इस एक्ट के अंतर्गत मशीनरी और संयंत्र की लागत को शामिल किया गया है। जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा ने बताया कि सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत पूर्व में 25 लाख रूपये के केपिटल निवेश वाले ही इस श्रेणी में शामिल थे।ऐसे में नए एक्ट में एक करोड़ रूपये तक के पूंजीगत निवेश नहीं या सालाना पांच करोड़ रूपये तक के टर्नओवर को शामिल किया गया है ।लघु उद्योग के अंतर्गत पूर्व में पांच करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश तक के ही उद्योग इस श्रेणी में शामिल थे जो अब दस करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश या 50 करोड़ का सालाना टर्नओवर कर दिया है ।मध्यम श्रेणी उद्योग के अंतर्गत पूर्व में 10 करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश के उद्योग इसमें शामिल थे जिसे बढाकर अब पचास करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश या 250 करोड़ रूपये तक का सालाना टर्नओवर कर दिया है
जिला उद्योग अधिकारी अतुल शर्मा ने बताया कि रजिस्ट्रेशन का प्रारूप उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल पर उपलब्ध है। उद्यम रजिस्ट्रीकरण फ़ाइल करने की फीस नहीं होगी । आधार संख्या अपेक्षित होगी। स्वामित्व फर्म के मामले में स्वामी का आधार लगेगा। भागीदारी फर्म के मामले में प्रबंधक भागीदारी का आधार लगेगा । हिन्दू अविभक्त कुटुंब के मामले में करता की आधार संख्या मानी होगी