बीकानेर, 26 सितम्बर। छह राज्यों के कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं का ‘मूंगफली फसल में अग्रिम प्रबंधन क्रियाएं’ विषयक आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को सम्पन्न हुआ। मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे।
अपने उद्बोधन में प्रो. सिंह ने कहा कि किसानों को नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाने में प्रसार गतिविधियों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। प्रसार कार्यकर्ता होने के नाते, प्रशिक्षणार्थियों का यह दायित्व है कि ऐसे प्रशिक्षणों में प्राप्त ज्ञान, किसानों तक पहुंचाया जाए। इससे किसानों को लाभ होगा।

खेती की लागत में कमी आएगी तथा उत्पादन एवं आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती की नई तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। बुवाई के समय एवं खरपतवार नियंत्रण सहित अन्य गतिविधियों के प्रति जागरुक किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
निदेशक प्रो. आर एस यादव ने बताया कि आठ दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान 32 विषयों पर व्याख्यान हुए। वहीं प्रसार कार्यकर्ताओं को फील्ड विजिट भी करवाया गया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, मिजोरम, त्रिपुरा, झारखंड और राजस्थान के प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान झारखंड के विजय आलोेकित रुंडा, त्रिपुरा के सौमित्र डे और बीकानेर की डाॅ. संगीता मेहता ने प्रशिक्षण से जुड़े अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक डाॅ. आर के वर्मा ने किया। इस दौरान डाॅ. शिशपाल सिंह, डाॅ. बीडीएस नाथावत सहित प्रतिभागी मौजूद रहे।