-सूबे में शिक्षा व्यवस्था चौपट, एसटीईटी परीक्षा रद्द किए जाना छात्रहित में निर्णय सही नही-शुभम चौखनी.

– 34 हजार शिक्षकों के पद पर बहाली के लिए अधिसूचना थी जारी , परीक्षा के रद्द होने से प्रक्रिया पर भी पड़ेगा असर..

बिहार(सुपौल)-ओम एक्सप्रेस-अखिल भारतीय विधार्थी परिषद(अभाविप)नगर इकाई त्रिवेणीगंज के द्वारा एसटीईटी (STET) परीक्षा रद्द के खिलाफ काला दिवस निज आवास में मनाया गया है।इस अवसर पर प्रदेश कार्य कारणी सदस्य मौसम कुमार ने संबोधन में कहा कि एसटीईटी परीक्षा रद्द करना बोर्ड के निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण, पुनर्विचार कि अपील है।

उन्होंने कहा कि एसटीईटी परीक्षा के रद्द किए जाने पर पुनर्विचार करने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा गया है। कहा कि बिहार सरकार गत 28 जनवरी को दो पालियों में परीक्षा ली थी।सूबे में दो लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। जिस परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार था। उस परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया है। जिससे छात्रों को निराशा हुई है। परीक्षा दोबारा कब ली जाएगी इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है। हाल में ही सरकार ने 34 हजार शिक्षकों के पद पर बहाली के लिए अधिसूचना जारी की थी। इस परीक्षा के रद्द होने से प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा।रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों को अवसर से वंचित रहना पड़ सकता है। नगर मंत्री शूभम चौखानी ने
कहा कि सूबे में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है।

परीक्षा रद्द किए जाने का छात्रहित में निर्णय सही नहीं है। शिक्षकों की कमी है जल्द बहाली करनी चाहिए। पर, ऐसे में और देर होगी।आखिरकार कब तक बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ इसी प्रकार कुठाराघात होता रहेगा।नगर सह मंत्री शिवम कुमार ने कहा भिक्षा नही अधिकार चाहिए,शिक्षा व रोजगार चाहिए।जब कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन हो तब आनन- फानन में सरकार द्वारा निर्णय करना। कुछ तो दाल में काला है।सुशासन बाबू जब बिहार के युवा ही है लाचार तो कैसे माने बिहार में बहार है।मौके पर रवि चौखानी आदि मौजूद थे ।