बीकानेर, 12 नवम्बर। श्वेताम्बर जैन खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. उनकी सहवृृति साध्वीवृृंद के सान्निध्य में कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने बीकानेर के 45 प्रमुख मंदिरों में चैत्य परिपाटी के तहत देव वंदन, पूजन और ’’नवंकार महामंत्र’’ का जाप करते हुए परिक्रमा की।
खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष राजीव खजांची ने बताया कि बुधवार को सुबह नौ बजे बागड़ी मोहल्ले में साध्वीश्री शशि प्रभा व सहवृृति साध्वियों का कृतज्ञता समारोह होगा। समारोह के बाद चातुर्मास के कार्यक्रमों का समापन होगा। समारोह में साक्षी बनने के लिए उदयरामसर में चातुर्मास संपन्न कर संयम प्रज्ञा व स्थित प्रज्ञा संघ के साथ मंगलवार को ढढ््ढा चैक के इन्द्रलोक पहुंचकर गुरुवर्या साध्वीश्री शशि प्रभा से आशीर्वाद लिया।

मंगलवार को रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सम्मेत शिखरजी के पट््ट के सामने क्षमा कल्याणजी महाराज की प्रतिमा की साक्षी में कार्तिक पूर्णिमा पर क्रिया व अरिहंत, सिद्ध, आचार्य व उपाध्याय तीर्थ सम्मेत शिखरजी की वंदना की गई। ढढ्ढा चैक में अशोक पारख निवास पर भक्तामर पाठ हुआ। अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपवास रखा तथा 15 साल तक कार्तिक पूर्णिमा पर उपवास, चैत्य वंदन आदि के नियम लिया।
पारख निवास में साध्वीश्री शशि प्रभा ने प्रवचन में कहा कि भक्तामर पाठ में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की वंदना की गई है। भक्तामर पाठ के श्रवण व पठन से पुण्यों का अर्जन तथा पापों का विसर्जन होता है।
गाजे बाजे से निकली भगवान महावीर सहित 24 तीर्थंकरों की सवारी
बीकानेर 12 नवम्बर । श्वेताम्बर जैन खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. उनकी सहवृृति साध्वीवृृंद के सान्निध्य में चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास की ओर से श्री सकल श्रीसंघ के सहयोग से मंगलवार को भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर से भगवान महावीर सहित 24 तीर्थंकरों की सवारी निकाली गई ।
गाजे बाजे से रथ पर निकली सवारी में भगवान शांतिनाथ मूलनायक थे वहीं उनके परिकर में 24 तीर्थकरों की प्रतिमाएं थीं। प्रतिमा को जैन शास्त्रोंक्त विधि से गुलाब के पुष्पों, चंदन आदि से पूजन कर धूप दीप से वंदना कर प्रतिष्ठित किया गया। खरतरगच्छ युवा परिषद के मंत्री मनीष नाहटा व सह सचिव अनिल सुराणा, श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, मंत्री चन्द्र सिंह पारख ने आदि श्रावकों ने पूजन के बाद सवारी ने प्रस्थान किया।
सवारी के मार्ग पर भगवान की प्रतिमा के आगे जगह-जगह चावलों की गंवली की गई तथा श्रावक-श्राविकाओं ने वंदना की। साध्वीश्री शशि प्रभा व अन्य साध्वीवृृंद ने भी सवारी में परमात्मा की प्रतिमा के दर्शन किए तथा कोचर मंडल, आदिश्वर मंडल, जैन मंडल, वीर मंडल, महावीर मंडल आदि भजन मंडलियों की ओर से जगह-जगह गाए गए भक्ति गीतों को सुना तथा भजन मंडलियों के सदस्यों को आशीर्वाद दिया ।
भगवान की सवारी में आगे पंच रंगी जैन ध्वज, सजे संवरे ऊंट व घोड़े, सजे हुए ऊंट गाड़ों पर ’’ अहिंसा परमो धर्म’’ ’’ चंदन की दो चैकिया पुष्पन के दो हार, केसर भरियो बाटकों पूजो नेन कुमार’’ का उद्घोष करते हुए बच्चे तथा उनके साथ चल रहे श्रावक भक्ति भावना बढ़ा रहे थे। सवारी मंें भगवन महावीर के जीवन आदशों के चित्र, चांदी का सिंहासन, चांदी का कल्पवृृक्ष शामिल था। जगह-जगह बैनर व स्वागत द्वार बनाएं गए तथा सवारी में शामिल श्रावकों का अल्पहार आदि से स्वागत किया गया। सवारी में मुस्लिम समाज के कलाकार भजनों में साज बजा कर व कई श्रमिक भगवान की प्रतिमा रखे ठेले को खींचकर बीकानेर के साम्प्रदायिक सौहार्द की परम्परा को पुष्ट कर रहे थे।
चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि सवारी नाहटा चैक के भगवान आदिश्वर, शांतिनाथ, सतियोंजी के मंदिर, गोलछा चैक, रामपुरिया, आसानियां चैक में तपागच्छ व पाश्र्वचन्द्र गच्छ के मंदिरें से होते हुए बांठियां, बैदों का महावीरजी मंदिर, दांती बाजार, डागों के महावीरजी मंदिर आदि मार्गों से होते हुए गोगागेट सर्किल के गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंची। सवारी का पड़ाव मंगलवार को गौड़ी पाश्र्वनाथ में रहेगा तथा बुधवार को पूजा व स्वामी वत्सल का आयोजन होगा। गुरुवार को सवारी पुनः सुबह गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर से रवाना होकर गंगाशहर मार्ग, स्टेशन रोड, कोटगेट, लाभुजी का कटला, सहित विभिन्न मार्गों से होते हुए चिंतामणि जैन मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी।