चंडीगढ़ ।हरियाणा के निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के मुखिया सोमवीर सांगवान ने करनाल जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसताड़ा टोल पर शांतिपूर्वक तरीके से सरकार का विरोध करने के लिए बैठे किसानों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज , दुर्व्यवहार गाली गलौज करने की शनिवार की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है ।उन्होंने कहा कि यह सत्ता में बैठे लोगों की पूर्व नियोजित राजनीतिक साजिश है जिसे पुलिस अधिकारियों से मिलकर रचा गया और भारतीय जनता पार्टी की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली शनिवार की बैठक भी जानबूझकर करनाल में रखी गई । हरियाणा की जनता इस बात को अच्छी तरह से समझ रही है कि सरकार ने करनाल की यह बैठक पूर्व में करनाल जिले के कैमला गांव की एक चर्चित जनसभा, हिसार में एक अस्थाई अस्पताल के उद्घाटन के नाम पर मुख्यमंत्री की योजनाबद्ध उपस्थिति की तरह ही किसानों को जानबूझकर उकसाने के लिए रखी गई थी । ऐसा करके सरकार किसानों को हिंसा के लिए उकसा रही है क्योंकि उसे पता है कि एक्शन का रिएक्शन होता है मतलब क्रिया की प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि जब किसान हिंसा से बचने को संकल्पित नजर आए तो बौखलाहट में सरकार द्वारा नई योजना बना दी गई ।इस योजना को बना तो लिया गया इसे क्रियान्वित भी कर दिया गया परंतु आने वाले समय में भाजपा को इसका कितना नुकसान होगा शायद इसका अनुमान भी उसके नेताओं को नहीं है।

श्री सांगवान ने कहा कि उन्हें इस घटना का बहुत दुख है और इसका कारण भी यह है कि आज पुलिस के हाथों वही किसान पिट रहे हैं जिन्होंने नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में स्थापित करने का काम किया था। श्री सांगवान ने कहा कि आज गांव देहात में आम आदमी फिर से वही बात कहने लगा है कि बड़े बुजुर्ग गलत नहीं कहते थे कि यह आर एस एस और भाजपा वाले पूंजीपतियों यानी शर्माएदारो के पक्षधर हैं। किसान कमेरे और मजदूर का शोषण करना ,उन्हें उत्पीड़ित करना इनकी विचारधारा का मूल मंत्र है । लेकिन अब समाज का हर वर्ग भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के इतना खिलाफ हो गया है कि इनके नेता चुनाव में भी वोट मांगने किसी के घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कहो या सरकार ने, करनाल की शनिवार की कथित बैठक खास सोच और योजना के तहत रखी थी।जबकि ऐसी बैठके अमूमन चंडीगढ़ में की जाती रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार कहो या भारतीय जनता पार्टी, अब आंदोलन की सफलता से बौखला गई है । सरकार 5 सितंबर की मुजफ्फरनगर की प्रस्तावित महापंचायत को पचा नहीं पा रही है ।भारतीय जनता पार्टी इसलिए डरी हुई है कि महापंचायत आंदोलन को मजबूत करने का काम करेगी और उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव में जीत के मंसूबे पूरे नहीं हो पाएंगे । लेकिन इस पार्टी के नेता यह भूल रहे हैं कि किसान कभी दबाव में नहीं आता इस तरह की गीदड़ भभकिओं से डरता नहीं। सरकार यह भी भूल रही है कि आंदोलनों को कभी डंडे और लाठी या बंदूक के दम पर दबाया नहीं जा सकता। इस समय सरकार को किसानों से बात करने की प्राथमिकता पर विचार करना चाहिए था परंतु सत्ता के नशे में उसने जो यह गलती की है उसकी प्रतिक्रिया पूरे देश में किसानों में ही नहीं जनसामान्य में हो रही है। इस बर्बरता पूर्वक हिंसक कार्रवाई के दुष्परिणाम भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में भूगतेगी । बसताड़ा की घटना ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा हरियाणा सरकार का संवेदनाओं, समाधान और विकास से दूर-दूर का भी रिश्ता नहीं है और यह सरकार वैचारिक तौर पर ही किसान विरोधी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहो या केंद्र सरकार, यदि इस योजना पर काम कर रहे हैं कि कृषि भूमि को भी शर्माएदारों के हवाले किया जा सकता है तो वह भूल जाएं और समझ ले कि यह उनके जीवन की बहुत बड़ी भूल है। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की हत्या कर संवैधानिक मूल्यों और मान्यताओं को दरकिनार कर हिटलर की राह पर चल रही है तो उसे भारतवर्ष के लोग यह एहसास करा देंगे कि सत्ता मे बैठकर कोई व्यक्ति एक बार जोर जुल्म तो कर सकता है परंतु ऐसा करने वाले लोगों का हश्र कभी अच्छा नहीं होता। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के लोग भारत में तालिबान बनने की कोशिश ना करें।
श्री सांगवान ने कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि जिसने भी किसानों के साथ इस तरह की जुल्म और जबरदस्ती की हैं वे सता में ज्यादा दिन टिक नहीं पाए हैं। हरियाणा में ऐसे कई उदाहरण हैं । उन्होंने कहा कि बसताडा प्रकरण मनोहर लाल सरकार के शासन के कफन में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कहा कि वे आज ही किसान आंदोलन के नेताओं से बात करके आगामी रणनीति को अंतिम रूप देने का काम करेंगे।