एसकेआरएयू में गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

बीकानेर, 14 अक्टूबर। कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन विषय पर सात दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार को प्रारम्भ हुआ।
उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि बीज, कृषि उत्पादन की आत्मा और महत्त्वपूर्ण कड़ी है। बीज की गुणवत्ता फसल उत्पादन को बढ़ा या घटा सकती है, इसलिए किसानों को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसान, प्राचीनकाल से ही बीज की गुणवत्ता को महत्त्व देते आए हैं, लेकिन आज थोड़े से लाभ के कारण किसान अपना बीज बेच देता है और जरूरत पड़ने पर बाजार से महंगे दाम पर खरीदता है। इसकी गुणवत्ता भी उन्नीस होती है।

कुलपति ने कहा कि आज बीज के मूल स्वरूप ‘जीन’ के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। यह कृषि क्षेत्र पर आने वाले गम्भीर संकट के संकेत हैं। वर्ष 2022 तक आय दोगुनी करने के लिए किसानों को इनपुट में कमी लानी होगी। कृषि वैज्ञानिक भी इस दिशा में जागृत्ति लाएं। उन्होंने कहा कि परम्परागत बीजों के उपयोग से 8 से 25 प्रतिशत तक अधिक पैदावार की संभावना रहती है। इसके मद्देनजर किसानों को कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन के अनुसार कार्य करना चाहिए।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो आई पी सिंह ने कहा कि हमारे देश में दुनिया का 4.5 प्रतिशत बीज पैदा होता है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप बीज उत्पादन बढ़े, हमें इस दिशा में त्वरित प्रयास करने होंगे।

कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान के निदेशक प्रो एन के शर्मा ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन आज की सर्वोच्च प्रथमिकता है। यह प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन से जुड़ा बिन्दु ही। कृषि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे इस दिशा में गम्भीरता पूर्वक कार्य करें।
पादप प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रशिक्षण समन्वयक प्रो ए के शर्मा ने बताया कि आज उन्नत बीजों के उत्पादन, विधायन और भंडारण आदि के प्रति जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सात दिवसीय प्रशिक्षण में एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। सात दिनों तक विभिन्न विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे।

इस अवसर पर डॉ एस एस शेखावत ने चारा फसलों के लिए बीज उत्पादन वृद्धि के तरीकों और डॉ वी एस आचार्य ने फसलों पर लगने वालों कीटों से बीजों की गुणवत्ता पर प्रभाव एवं निदान के उपाय के सम्बंध में बात रखी।