हिसार, ।(ओम एक्सप्रेस न्यूज के लिए हरियाणा हिसार से वरिष्ठ पत्रकार-पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई)

कांग्रेस केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य कुलदीप बिश्नोई ने केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में रबी सीजन 2021-2022 के लिए 2.6 प्रतिशत बढ़ोतरी को धरती पुत्र किसान के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि इस बढ़ोतरी से भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का चेहरा स्पष्ट रूप से उजागर हो गया है। बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के समय वर्ष 2014-15 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था और इसमें 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि गेहूं और धान हरियाणा, पंजाब सहित अनेक राज्यों की प्रमुख फसल है। बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान वर्ष 2012-2013 से 2014-15 तक कुल 115 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई जो कुल 17.16 प्रतिशत बैठती है, जबकि किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ करके और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का झांसा देकर सत्ता में आने वाली भाजपा ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 के बीच कुल 135 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है जो कुल बढ़ोतरी का 12.13 प्रतिशत बनता है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस बढ़ोतरी से भारतीय जनता पार्टी की असलियत देश के किसानों के सामने आ गई है कि किस प्रकार उनको बरगला कर उनके स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के दावों के अनुसार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2022 तक 1400 रूपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रूपए प्रति क्विंटल होना चाहिए था, लेकिन किसानों को मिलेगा 1975 रूपए प्रति क्विंटल जो कि डेढ़ गुना से भी कम है। सरकार की असंवेदनहीनता का उदाहरण देते हुए बिश्नोई ने कहा कि किसानों का रक्षा कवच जो कांग्रेस पार्टी ने किसानों को साहूकारों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए किया था ?। उस आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करके किसानों को कारपोरेट घरानों का दास बनाने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बिल के पास होने से किसान वहीं फसल बोने के लिए विवश होगा जो कारपोरेट घराने चाहेंगे और कृषि उत्पाद की कीमतें इन घरानों की दासी बन जाएंगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि कृषि सुधार सम्बन्धित तीनों कानूनों को वापिस लिया जाए जो आजाद भारत में किसानों के लिए सबसे बड़ा कुठाराघात होगा और भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी भूल के बारे में इतिहास में दर्ज किया जाएगा। किसानों के साथ जो धोखा किया गया है उसका बदला लेने के लिए देश भर का किसान आतुर हैं।