प्रस्तुत कर्ता : हरप्रकाश मुंजाल, अलवर ।

कोंग्रेस पार्टी के प्रति पूर्ण तरीके से समर्पित , निष्ठावान, लग्नशील, जुझारूपन से लबरेज नेता अलवर के श्री सुरेश गौतम को इस बात की टीस है कि जिले के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है और प्रमुख नेताओ को हाशिये पर ला खड़ा किया है, जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है । उनको इस बात का भी मलाल है कि नई भर्ती के नेताओं को तव्वजो दी जा रही है और प्रथम पंक्ति के नेताओं को रसातल में धकेला जा रहा है और वो अपने आपको को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं ।
जुझारू नेता सुरेश गौतम का जन्म थानागाजी क्षेत्र के नांगलबनी गांव में हुआ ।

ये पांच भाई और दो बहनें हैं । इन्हेंने छात्र जीवन से ही राजनीति में जाने का मन बना लिया था । कॉलेज शिक्षा के दौरान ही सक्रिय राजनीति में आ गए ।राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में रघु शर्मा के साथ जमकर राजनीति की और उन्हें अध्यक्ष निर्वाचित कराने में ऐड़ी चोटी का जोर लगाया । कॉलेज शिक्षा पूर्ण करने के बाद ये अलवर आ गए । और 1987 में जिला युवा कोंग्रेस के अध्यक्ष बने । इसी दौरान रामगढ़ के शेरपुर गाँव मे लालदास मन्दिर को लेकर सांप्रदायिक सौहार्द खराब होने लगा तो इन्होंने अलवर से अपने साथियों को लेकर पदयात्रा की । शेरपुर में कई दिनों तक तनाव बना रहा था । श्री गौतम सहित अन्य नेताओं ने मिलकर भाईचारा स्थापित किया । इन्होंने अलवर के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ एसपी जोहरी के खिलाफ भी आंदोलन चलाया और उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर अलवर से जयपुर तक पदयात्रा निकाली
1994 में जिला कोंग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष बने तब जिला कोंग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री रामधन यादव हुआ करते थे ।इसके बाद जब जुबेर खां जिला अध्यक्ष बने ये जिला महामंत्री बने । तब इन्होंने जुबेर जी के साथ खूब काम किया और पार्टी को मजबूती प्रदान की ।
बाद में पार्टी हाईकमान ने जितने भी जिला सचिव थे उन सभी को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कर लिया ।उस समय प्रदेश अध्यक्ष श्री बीड़ी कल्ला जी थे । ये 6 वर्ष तक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे ।इन्होंने जुबेर खां के विधानसभा चुनाव को बख़ूबी सम्भाला । जितनी बार भी ये चुनाव लड़े गौतम जी ने ही सम्भाला ।

सुरेश गौतम की पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को देख इन्हें हाईकमान ने गुजरात के पाटन विधानसभा चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक बनाया । यहाँ बीजेपी की प्रत्याशी आनंदी बेन थी ।इसी तरह उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के संग़ठन चुनाव के लिये भी जिला चुनाव अधिकारी नियुक्त किया । बिहार के सहरसा विधानसभा चुनाव के लिये पर्यवेक्षक बनाया गया ।
श्री गौतम जी इस बात को लेकर दुखी हैं कि पार्टी के भीतर अंतर्कलह होने से विगत विधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा । इसलिए समय रहते हाईकमान को गम्भीरता से विचार करना होगा । यदि इसी तरह ढुलमुल रवैया चलता रहा तो फिर ऊपर वाला ही मालिक है ।

इन दिनों सुरेश गौतम जी कोरोना काल के दौरान घर पर ही पार्टी के लोगो से मुलाकात कर लेते हैं । बाकी समय अपने परिवाजनों के व्यतीत करते हैं इनकी विनम्रता, मिलनसारी , हर समय सहयोग के लिए तैयार रहना इनकी खासियत है । इस बात को लेकर हर कोई इनके कायल है। गौतम जी स्वास्थ्य रहे , दिर्घायु रहे, इसी कामना के साथ ।