राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक

संघ (राष्ट्रीय) ने कोरोना की महामारी से निपटने एवं जरूरतमंदों निर्धनों एवं बेसहारों की मदद हेतु मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 दिन का वेतन देने की घोषणा की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संगठन अध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि पूरी दुनिया कोरोना की महामारी के गंभीर संकट से जूझ रही है। भारत सरकार और राजस्थान सरकार इस संबंध में लोक कल्याण के अपने दायित्व को बखूबी निभा रही है। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रदेश में लॉक डाउन करने का जो फैसला लिया है, रुक्टा (राष्ट्रीय)इस निर्णय के पूरी तरह साथ है।
संगठन महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि रुक्टा (राष्ट्रीय) से जुड़े उच्च शिक्षा के लगभग पांच हज़ार शिक्षक यह भली-भांति समझते हैं संपूर्ण मानवता के लिए चुनौती बनी इस महामारी पर साथ मिलकर ही विजय पाई जा सकती है, इस संबंध में एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में और एक शिक्षक के रूप में संगठन का प्रत्येक सदस्य जनजागरण में अपनी भूमिका निभाने हेतु प्रतिबद्ध है ।

कोरोना की महामारी के विरुद्ध इस अभूतपूर्व युद्ध में बड़े स्तर पर संसाधनों की आवश्यकता है ; साथ ही लॉक डाउन के निर्णय के चलते निम्न आय वर्ग और बेसहारा लोगों के लिए दैनिक आवश्यकताओं की व्यवस्था भी करना बहुत जरूरी है।

रुक्टा (राष्ट्रीय) गंभीर आपदा की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं। संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर इस यज्ञ में अपनी भी आहुति दें। इस संबंध में 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने के लिए संगठन द्वारा प्रस्ताव मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री को भेजा गया है।