बीकानेर 18 जून। ‘‘कोरोना महामारी में निःस्वार्थ भाव से मास्क, सैनेटराईज तैयार करने और आमजन में इस महामारी के प्रति जागृति फैलाने वाले संस्थान परिवार के संदर्भ व्यक्ति संस्थान परिवार के कोरोना योद्धा हैं और हमें संस्थान के इन कोरोना योद्धाओं पर गर्व है।’’ ये उद्बोधन जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष श्री अविनाश भार्गव ने संस्थान के कोरोना योद्धाओं का सम्मान करते हुए व्यक्त किए।

अवसर था – कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से संचालित जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा कोरोना महामारी के इस विकट दौर में जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क मास्क तैयार करने, सैनेटराईजर एंड हैंड वाॅश तैयार करने और आमजन में कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए जागृति फैलाने आदि प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य करने वाले संस्थान के ‘कोरोना योद्धाओं के रूप में संदर्भ व्यक्तियों का सम्मान करने का। संस्थान द्वारा कोरोना योद्धाओं के रूप में वहिदा खातून, रोशन परवीन, पूजा कच्छावा, सरोज प्रजापत, सुनीता गहलोत, रेशमा वर्मा सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के संदर्भ व्यक्तियों को कृतज्ञता-पत्र, स्मृति चिन्ह और सैनेटाइजर भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस क्रम में संस्थान के उपाध्यक्ष एडवोकेट गिरिराज मोहता ने कहा कि देश में महामारी के इस कठिन दौर में संस्थान के संदर्भ व्यक्तियों द्वारा निःस्वार्थ भाव से किया गया मानव सेवा का यह कार्य सबसे बड़ी देशभक्ति है। इस कार्य में आपने जिस प्रकार से सकारात्मकता और सद्भावना का परिचय दिया है वह आपके व्यक्तित्व को और सुदृढ़ बनाता है।
प्रभारी निदेशक ओमप्रकाश सुथार ने कहा कि आप कोरोना योद्धाओं का सम्मान करना मूलतः आपके हुनर और सेवाभाव के प्रति कृतज्ञ होना है।
कारोना योद्धाओं के रूप में संदर्भ व्यक्तियों की ओर से वहिदा खातून, रोशन परवीन एवं रेशमा वर्मा ने संस्थान के नेतृत्व में इस प्रकार के सेवाकार्य के लिए सदैव तत्पर रहने की बात कही।

संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने सभी कोरोना योद्धाओं का परिचय देते हुए इनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए संदर्भ व्यक्तियों के साथ इनके परिवार एवं प्रशिक्षणार्थियों के सहयोग के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की गई।
कार्यक्रम सहायक तलत रियाज द्वारा संस्थान की ओर से सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर तकनीकी सहयोग कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य द्वारा दिया गया।