जयपुर। प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर जूझ रही गहलोत सरकार के लिए एक और प्राकृतिक आपदा ने परेशानी बढ़ा दी है। कोरोना संकट के बीच तौकते तूफान की आशंका के चलते पूरी सरकार एलर्ट मोड पर है। तौकते तूफान को लेकर सरकार में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित प्रशासनिक अमला कोरोना संकट के साथ-साथ तौकते तूफान से किसी प्रकार की तबाही ना हो इसकी तैयारियों में जुट गया है। मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक 18 और 19 मई को प्रदेश के कई जिलों में तौकते तूफान का खासा असर रहने की आशंका जताई जा रही है। इसी के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार तौकते तूफान को लेकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दे रहे हैं।_

– जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों को भी अलर्ट रहने के निर्देश:

वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग की ओर से तौकते तूफान को लेकर जारी चेतावनी के बाद प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसे लेकर सभी संभागीय आयुक्तों और सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर एहतियातन तैयारियां करने और अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही विद्युत विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि तूफान के कारण क्षतिग्रस्त होने वाली विद्युत लाइनों की तुरंत प्रभाव से मरम्मत की जाए इसके अलावा कोविड-19 और अस्पतालों में इमरजेंसी के लिए पर्याप्त संख्या में जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि तूफान से अगर नुकसान भी होता है तो मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।_

– जिलों में आपात बैठकों का दौर:

तौकते तूफान को लेकर सभी जिलों में जिला प्रशासन के द्वारा आपात बैठके लेकर तैयारियां रखने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के मामले से जुड़े लोगों को अभी मदद के लिए अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। तूफान की संभावना के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद जिला और प्रदेश स्तर पर तल रही तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश भी देते नजर आ रहे हैं। रविवार देर रात तक चली कोविड-19 समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ तौकते तूफान को लेकर चर्चा की थी।