जयपुर. राजनैतिक सूत्रो से पता चला है कि तीन दिन तीखे तेवर दिखाने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के आज दोपहर बाद मिज़ाज कुछ ठंडा पड़ा है। अंदरूनी सूत्रो ने जो कारण बताये है उनके अनुसार कुछ तो साथी विधायकों ने साथ छोड़कर गहलोत गुट का दामन थाम लिया, जिसके कारण संख्या बल कम हो गया तब भाजपा ने भी हाथ खींच लिये। ऐसी स्थिति में उनका राजनैतिक जीवन संकट में पड गया। अब उनके पास मात्र अहम् की लडाई रह गई, जिसको कायम रखने के लिए उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं के माध्यम से पार्टी हाई कमान तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयत्न शुरू कर दिया है, मगर अब बदली परिस्थितियों में कहते हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांहे चढ़ा ली है, और स्पष्ट कर दिया बताते हैं कि जब से सरकार बनी है तब से पायलट ने संकट में डाल रखा है, इसलिए इस बार आर-पार हो जाना ही उचित रहेगा, अगर वह सरकार में रहते हैं तो ऐतराज नहीं, मगर अनुशासन में रहना होगा।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राजस्थान की राजनीति की सारी बागडोर प्रियंका गांधी ने संभाल ली है, और वह बीच का रास्ता निकालकर समझौते का प्रयास कर रही है । राजनैतिक सूत्रो से यह भी खबर मिली है कि लगभग बीच का रास्ता निकाल लिया गया है और आगामी कुछ क्षणों में शायद राजस्थान में राजनैतिक संकट के बादल छंट जायेंगे।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं हुए 18 विधायक शामिल

सचिन पायलट गुट के यह विधायक नहीं हुए शामिल

1. राकेश पारीक
2. मुरारी लाल मीणा
3.जीआर खटाना
4.इंद्राज गुर्जर
5.गजेंद्र सिंह शक्तावत
6. हरीश मीणा
7. दीपेंद्र सिंह शेखावत
8. भंवर लाल शर्मा
9.विजेंद्र ओला
10. हेमाराम चौधरी
11. पी आर मीना
12.रमेश मीणा
13. विश्वेंद्र सिंह,
14. रामनिवास गावड़िया
15.मुकेश भाकर
16. सुरेश मोदी,
17वेद प्रकाश सोलंकी
18.अमर सिंह जाटव।