जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की ओर कदम बढ़ाए हैं । एक कमेटी का गठन का गठन किया है जो शराब बंदी पर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी।

राजस्थान में शराबबंदी को लेकर देह को त्यागने वाले, पूर्व विधायक गुरशरण छाबड़ा की पुत्रवधू पूनम छाबड़ा उनके आंदोलन को प्रदेश में जगह-जगह घूमकर आगे बढ़ा रही थीं।

श्रीमती पूनम छाबड़ा ने जानकारी दी कि रविवार को सरकार ने एक कमेटी गठित की है जो राज्य में शराबबंदी को लागू करने और उसके सफल बनाने के उपाय पर विचार कर रिपोर्ट देगी। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद ज्ञापित किया।

ध्यान रहे कि पूर्व विधायक ने करीबन 10 साल पहले शराब बंदी को लेकर आन्दोलम आरम्भ किया था। उनके आंदोलन के दबाव के चलते राज्य सरकार ने शराब ठेकों का समय निर्धारित किया था। रात 8 बजे शराब की दुकानें बंद होने लगीं।

पूर्ण शराबबंदी को लेकर करीबन 5 साल पहले श्री छाबड़ा ने आमरण अनशन किया और सरकार को मजबूर करने के लिए उन्होंने जल त्याग दिया। श्री छाबड़ा ने आंदोलन के लिए प्राणों की आहुति दे दी।

उनके निधन उपरान्त पूनम छाबड़ा आन्दोलन को राजनीति से दूर रहकर चला रहीं थीं। आज उनके आंदोलन को कामयाबी मिलती हुई नजर आ रही है।

वन्ही शराबबंदी को सफल बनाने के लिए भी प्रयास करने होंगे, क्यों कि बिहार का उदाहरण हमारे सामने है जंहा आए दिन जहरीली शराब से मरने वालों के समाचार सामने आते रहते हैं।