– मूर्ति अनावरण समारोह तथा गांधीवादी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन

जयपुर, 6 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन मूल्य पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक हैं। उनका जीवन सिद्धांतों का ऎसा खजाना है जो हर क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन कर सकता है। उनके विचार आज की परिस्थितियों में और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बापू की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए गवर्नेंस और सामाजिक कार्यों में भूमिका निभाने के उद्देश्य से प्रदेश में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज की स्थापना की जाएगी।

श्री गहलोत मंगलवार को दांडी मार्च के समापन दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रट परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के अनावरण समारोह तथा गांधीवादी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रतिमा के निर्माण के लिए मूर्तिकार श्री रामकिशन अडिग को साधुवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को गांधीजी के जीवन मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों को अपनाकर समाज और देशहित में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश में युवा शांति सेना बनाने जैसे नवाचार किए जा सकते हैं ताकि अधिक से अधिक युवाओं को गांधीजी के जीवन दर्शन से जोड़ा जा सके। हमारा प्रयास है कि राजस्थान बापू के विचारों और जीवन दर्शन को आगे बढ़ाने की दिशा में देश का केन्द्र-बिंदु बने।

श्री गहलोत ने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में शांति और अहिंसा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। अब इसे शांति एवं अहिंसा निदेशालय बनाया जा रहा है। जल्द ही राज्य में सर्वोदय विचार परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा। जयपुर के सेंट्रल पार्क में महात्मा गांधी संस्थान और महात्मा गांधी दर्शन म्यूजियम बनाया जाएगा।

स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि गांधीजी के अहिंसक आंदोलन से प्रेरित होकर विश्व के कई देशों ने आज़ादी हासिल की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गांधीजी की 150वीं जयंती पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को गांधीजी के जीवन दर्शन और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने की प्रेरणा मिलेगी।

कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि गांधीजी की ऎतिहासिक दांडी यात्रा अहिंसात्मक आंदोलन के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति की प्रेरणा देती है। उन्होेंने कहा कि युवा पीढ़ी गांधीजी के बताए मार्ग पर चलकर समाज को नई दिशा दे।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि कुछ घटनाओं का राष्ट्र के लिए ऎतिहासिक महत्व होता है। दांडी मार्च भी ऎसी ही घटना है, जिसने अन्याय के विरूद्ध अहिंसात्मक रूप से आवाज उठाने का पथ प्रशस्त किया।

गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं प्रमुख गांधीवादी विचारक श्री कुमार प्रशान्त ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब दांडी मार्च पर निकले तो रास्ते में उन्होंने लोगों को सामाजिक विषमता खत्म करने और खादी अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनका संदेश था कि व्यक्ति का व्यवहार और कार्य करने का तरीका ऎसा होना चाहिए जिससे कोई दूसरा डरे नहीं। उन्होंने कहा कि गांधीजी का मानना था कि एक कमजोर व्यक्ति दूसरों को डराने की कोशिश करता हैै।

श्री कुमार प्रशान्त ने कहा कि दांडी यात्रा का मुख्य उदेेश्य लोगों से संवाद कायम करना था। साबरमती आश्रम से रवाना होकर 241 मील की यात्रा पूरी कर गांधीजी दांडी पहुंचे और नमक कानून तोड़ा तो देश की दिशा ही बदल गई। आज हमें युवाओं को दिशा देने की जरूरत है, क्योंकि उनमें ऊर्जा और सामथ्र्य की कोई कमी नहीं है। उन्होंने प्रदेश में संवाद यात्राएं शुरू करने पर जोर दिया और कहा कि इस संवाद से समाज का कोई वर्ग अछूता नहीं रहे।

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि गांधीजी ने समतामूलक समाज की वकालत की। उन्होंने अपने आंदोलनों से सिद्ध किया कि बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान अहिंसात्मक तरीके से किया जा सकता है।

शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के समन्वयक श्री मनीष शर्मा ने बताया कि गांधीजी के 150वें जयंती वर्ष के तहत जिला एवं उपखंड स्तर तक गांधी दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। अब ग्राम पंचायत स्तर तक गांधी दर्शन एवं गांधीजी के रचनात्मक कार्यों को पहुुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी एम शर्मा ने कहा कि गांधीजी के सविनय अवज्ञा और सत्याग्रह जैसे प्रयोग आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितना आजादी के आंदोलन के समय थे। उन्हाेंने कहा कि गांधीजी के सिद्धांतों को पूरी दुनिया ने माना है। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संरक्षक डॉ. डी आर मेहता ने कहा कि युवाओं को गांधीवाद के प्रति प्रेरित करने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है। सोशल मीडिया के माध्यम से इस दिशा में बेहतर काम हो सकता है।

हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट से वीसी से जुड़े विधायक श्री विनोद कुमार, नगर परिषद के अध्यक्ष श्री गणेश राज बंसल तथा जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने भी संबोधित किया।

प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता श्रीमती गायत्री राठौड़ ने संगोष्ठी के प्रारंभ में गांधीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री ओपी बुनकर ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्वायत्त शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा, पूर्व महाधिवक्ता श्री जीएस बापना भी उपस्थित थे। गांधीवादी विचारक श्री धर्मवीर कटेवा, श्री एसएस बिस्सा, श्री सवाई सिंह सभी जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारी एवं प्रदेशभर के गांधीवादी चिंतक वीसी के जरिए कार्यक्रम से जुडे़।