-किराना दुकान की आड़ में भी कई दुकानदार धड़ल्ले से मनमानी दाम में कर रहे हैं बिक्री, नहीं की जा रही कार्रवाई।
बिहार(सुपौल)-ओम एक्सप्रेस ब्यूरों- कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने पान मसाला एवं गुटखा की बिक्री व इसे खाकर थूकने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, फिर भी जिले के त्रिवेणीगंज बाजार क्षेत्र के तमाम थोक विक्रेता 3 गुना दामों पर इसकी बिक्री कर रहे हैं।स्थानीय प्रशासन इन मामलों से अनजान बना है।गली मोहल्लों में भी गुटखा का एक-एक पाउच 10 से 20 रुपए में बेचा जा रहा है।रजनीगन्धा की छोटी पाउच 50 रुपये में बेचा जा रहा है।बाजार क्षेत्र में पान मसाला एवं गुटखा के कई थोक विक्रेता हैं।बाजार के हर गल्ली-मोहल्लों में पान मसाला की बहुत सी दुकानें हैं। वहीं कई लोग किराना दुकान के आड़ में इसकी बिक्री धड़ल्ले से कर रहे हैं।इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि गुटखा-पान मसाला व तंबाकू सेवन करने वालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। ऐसे लोग कोरोना संक्रमण का जल्द ही शिकार हो सकते हैं।
स्तरहीन पान मसाला खा रहे लोग-
लोकल व स्तरहीन पान मसाला की कोई पूछ-परख नहीं करता था। प्रतिबंध लगने पर इसके तलबदार स्तरहीन पान मसाले को भी खा रहे हैं। बड़े दुकानदार ब्रांड शॉर्ट होने के कारण बता कर स्तरहीन पान मसाला को ज्यादा दामों पर बेच रहे हैं और लोग इसे खरीदने को विवश हैं।
चिकित्सकों का यह है मानना
चिकित्सकों का मनाना है कि तंबाकू का सेवन जानलेवा है। खैनी, गुटखा, जर्दा, बीड़ी, सिगरेट में तम्बाकू की मात्रा पर्याप्त रहती है, जिससे तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति के शरीर में कॉलस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। बीटा सेल एंटीबॉडी के निर्माण व कोविड वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने में टी सेल की संवेदनशीलता कम हो जाती है। इस कारण तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है।तम्बाकू का सेवन 6 सप्ताह तक बंद कर देने के बाद शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य हो जाती है। तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति के लार ग्रंथि में थूक बनाने की क्षमता बढ जाती है जिसके कारण बार-बार थूकने की आदत होती है। ऐसे व्यक्ति कोरोना संक्रमण को ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैला सकते है।