बीकानेर, ओम एक्सप्रेस। श्रीगोकुल चन्द्रमाजी पुष्टिमार्गीय न्यास, कामां की ओर से संचालित रतन बिहारी पार्क के श्री राज रतन बिहारी जी मंदिर मंे रविवार को पंचम पीठाधीश्वर जगद्गुरु गोस्वामीश्री वल्लभाचार्यजी महाराज(कामवन) व बीकानेर के आचार्यश्री गोस्वामी विट््ठलनाथजी गोरधन पूजा व अन्नकूट का विशेष मनोरथ हुआ। दोनों मनोरथों का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
पंचम पीठाधीश्वर जगद्गुरु गोस्वामी श्री वल्लभाचार्यजी महाराजश्री ने बताया कि पुष्टिमार्गी सभी मंदिरों में सालभर के कार्यक्रमों व मनोरथों की शुरूआत दीपोत्सव व अन्नकूट दर्शन से होती है। पुष्टिमार्गी परम्परा में अन्नकूट महोत्सव का विशेष महत्व है। इस साल दीपावली पर करोना के कहर के कारण कार्यक्रम सीमित किए गए। उन्होंने बताया कि गोरर्धन पर्वत उठाकर भगवानश्री कृष्ण ने भक्तों की रक्षा की। ब्रजवासियों ने भगवान के विविध व्यंजनों का भोग लगाया तथा गोवर्धन पर्वत और गौमाता की पूजा की। तब से यह परम्परा सभी पुष्टिमार्गी व सहित विभिन्न मंदिरों में चल रही है। बीकानेर के आचार्यश्री गोस्वामी विट््ठलनाथजी ’’ब्रजांग बाबा’’ ने अन्नकूट महोत्सव के दौरान ’’मास्क नहीं तो दर्शन’’ सोशल दूरी व हाथ धोकर व सेनेटराइज कर मंदिर में आने के नियम की पालना की गई। निज मंदिर की प्रतिमाओं पर विशेष श्रृृंगार किया गया तथा बाहरी हिस्से में विशेष रोशनी की गई।

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के दौरान हवेली संगीत परम्परा ने कीर्तन के पद ’’भली करी पूजा मेरी बहुत भांत कर व्यंजन अरप्या, सो सब मान लेई मैं तेरी’’, ’’यह लीला सब करत कन्हाई, उत जेमत गोवर्धन संग, इत राधा सो प्रीत लगाई’’ आदि पद गाए गए।

फोटो- बीकानेर के राज रतन बिहारी जी मंदिर में रविवार को अन्नकूट दर्शन।