बीकानेर – ओम एक्सप्रेस

चरित्रहीन मनुष्य अपने लोक और परलोक दोनों खो देता है, वहीं गुरु जाम्भोजी की सबदवाणी और उन्नतीस नियमों पर चलने वाला स्वयंमेव ही परम चरित्रवान बनता है। यह बात चौधरी बंशीलाल विश्वविद्यालय भिवानी (हरियाणा) के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो बाबूराम ने जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर द्वारा बच्चों के लिए आयोजित ऑनलाइन जाम्भाणी संस्कार शिविर के चौथे दिन संबोधित करते हुए कही।

अकादमी के प्रेस संयोजक पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया कि शिविर के चौथे दिन का शुभारंभ राष्ट्रीय संयोजक आचार्य सच्चिदानंदजी के आशिर्वचन से हुआ, जिसके बाद अकादमी महासचिव डॉ सुरेन्द्र कुमार ने दिनभर के कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। अकादमी के संस्थापक सदस्य और कवि उदाराम खिलेरी ने प्रमुख जाम्भाणी धामों एवं सारथियों की महिमा और उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया। जोधपुर से युवा ऊर्जावान डॉ रामस्वरूप जंवर ने बिश्नोई समाज के इतिहास में वृक्षों और वन्य जीवों की रक्षार्थ हुए बलिदानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कॉउंसलर दीपक नागपाल हिसार ने बच्चों को कैरियर गाइडेंस की जानकारी उपलब्ध करवाते हुए उन्हें मैट्रिक परीक्षा बाद विभिन्न प्रकार के कोर्सेज के बारे में पीपीटी माध्यम से बताया। अकादमी के सदस्य सेवानिवृत्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भारमलराम खिलेरी ने शिविरार्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशिर्वाद प्रदान किया। दृशिका, साया, रितु, मुकेश, रवि, दिव्या, समीर, सुरेन्द्र आदि बच्चों ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। शिविर का तकनीकी प्रबंधन डॉ लालचंद और संचालन विनोद जम्भदास ने किया।