– अपने विधायकों के साथ राजघाट पर धरना देंगे सीएम अमरिंदर सिंह

नई दिल्ली । दिल्ली के जंतर मंतर पर संसद द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी 3 कानूनों को लेकर पंजाब सरकार द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस धरना प्रदर्शन में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्दू के बीच मतभेद खुलकर सामने आए।

दरअसल, बुधवार को जंतर मंतर पर धरने के दौरान कैप्टन अमरिंदर के साथ पंजाब सरकार के कई मंत्रियों, विधायक, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अन्य दलों के नेता मंच साझा कर रहे थे। अमरिंदर से पहले बोलते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे काला कानून बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि यह तानाशाही की सरकार है और यह कानून देश के केवल 2 उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा अंबानी और अडानी के गोदामों को भरने के लिए यह कानून है, इनके गोदाम में पहले से अनाज भरा पड़ा है और गरीब लोग भूखों मर रहे हैं। इस काले कानून से किसानों के सामने भुखमरी की नौबत पैदा हो जाएगी।

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने चुटकुले अंदाज में वह जोरदार तरीके से भाषणबाजी की। इस दौरान यह भी कहा कि यह लड़ाई अभी जारी रहेगी। वहीं, उनके बाद बोलने उतरे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कोई लड़ाई लड़ने नहीं आए हैं। वह अंबानी और अडानी के खिलाफ भी नहीं हैं। वह केवल अपने प्रदेश के 75 फीसद किसानों की आवाज रखने आए हैं, जिनका अपने आढ़तियों से दशकों से पारिवारिक रिश्ता है। जरूरत के समय आधी रात को भी किसान अपने आढ़ती से आर्थिक मदद ले लेता हैं। यह कानून उस रिश्ते को बिगाड़ने जाता है। यह सुनने के बाद सिद्धू का मिजाज खराब हो गया और जैसे ही धरना उठा वह बिना दुआ सलामी के अकेले मंच से निकल गए।