चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का ड्रीम प्रोजेक्ट केकड़ी अस्पताल भले ही सुविधाओं से लजोलब्ब है, मगर मरीजों को अब भी नहीं मिल पा रही है सुविधाएं. प्रभारी डॉ पुरी सहित अन्य डॉक्टरों की मनमानी भुगत रही है जनता !!
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✍🏼⭕तिलक माथुर
केकड़ी_अजमेर
केकड़ी का सरकारी अस्पताल भले ही जिला स्तर का हो गया है, मगर अब भी क्षेत्र के मरीजों को वो चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही जो मिलनी चाहिए ! क्षेत्रीय विधायक व राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा भले ही अपने निर्वाचन क्षेत्र के इस जिला स्तर के सरकारी अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के जी जान से प्रयास कर रहे हैं, मगर एकाद बाहरी व कुछ डाक्टर्स आज भी अपनी मनमानी करने पर तुले हुए हैं जिसकी वजह से मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं उन्हें चिकित्सा सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इन लोगों की मनमानी का आलम ये है कि मरीज परेशान तो हो ही रहे हैं वहीं अस्पताल में सुविधाएं होने के बावजूद उन सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा। अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है कि डॉक्टर्स आउटडोर चेम्बर से घण्टों नदारद रहते हैं, अस्पताल के वार्डों व सफाई व्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं, अस्पताल के शौचालय गन्दगी से अटे पड़े हैं, पीने के पानी की समुचित व्यवस्था तक नहीं है।

अस्पताल में आपातकालीन सेवाओं का कोई मतलब ही नहीं। और तो ओर चिकित्सा सुविधाओं का निःशुल्क लाभ भी मरीजों को नहीं मिल रहा यही वजह है कि मरीजों को अपने इलाज के लिए पैसा खर्च करना पड़ रहा है। कई प्रकार की जांचे, सोनोग्राफी, एक्सरे तक लोगों को पैसा खर्च कर बाहर से कराने पड़ रहे हैं। अब तो आर्थोपेडिक वाले डॉक्टर भी अपनी असली औकात में आ गए हैं। सुना है कि अस्पताल में हड्डी रोगियों को घर पर आने की सलाह दी जाती है डॉक्टर साहब घर पर ही टूटी हड्डियों का इलाज करते हैं। अब तो अस्पताल की जगह घर पर ही प्लास्टर बांधे जा रहे हैं, कुछ लोगों ने मुझे फोटोज उपलब्ध कराए हैं। बेहद शर्मनाक हरकतें खुलेआम अंजाम दी जा रही है लिखते हुए भी अफसोस हो रहा है, आखिर खुलेआम मनमानी किसके ईशारे पर हो रही है ? अस्पताल में ऐसा हाल पहले कभी नहीं देखा वो भी बिना किसी डर के खुलेआम ! अस्पताल से ज्यादा मरीजों की भीड़ डॉक्टर्स के घरों में दिखाई देने लगी है। क्या यही है जिला अस्पताल की सुविधाएं ? अस्पताल प्रभारी डॉ गणपतराज पुरी को किसी का डर ही नहीं, वे अब तो और अधिक मनमानियां वो भी खुलेआम कर रहे हैं। कहते हैं न कि जब जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का ! ऐसा ही नजारा यहां देखने को मिल रहा है मास्टरमाइंड के दिमाग से अस्पताल चल रहा है। मास्टरमाइंड भी केवल अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए क्षेत्र के गरीब मरीजों की परवाह नहीं कर रहे। उनकी स्वार्थ सिद्धी के लिए मरीजों की जेब कट रही है, मरीज परेशान हो रहे हैं।

मगर उन्हें क्या पड़ी है अपना काम बनता तो भाड़ में जाये जनता ! मुझे अस्पताल के बारे में लिखते हुए इतना समय हो गया। अस्पताल में व्याप्त हर अव्यवस्था, समस्या, मनमानी को मैंने हर बार अपने ब्लॉग के माध्यम से आमजन की आवाज बनाने की कोशिश की, मगर कोई सुनने वाला ही नहीं। न चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं और न ही चिकित्सा मंत्रालय इस ओर ध्यान दे रहा है। आखिर कब तक सहेगी क्षेत्र की जनता और क्यों सहेगी ? जब हमें मालूम है कि हमारे विधायक डॉ शर्मा आज राजस्थान सरकार में टॉप थ्री में ओहदेदार हैं वो भी एक चिकित्सा मंत्री के रूप में, तो फिर क्षेत्र के लोग क्यों अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं से महरूम हैं। आखिर इन सवालों का जवाब कौन देगा, क्या सरकार देगी इस ओर ध्यान ! या फिर केवल डॉ पुरी की हर मनमानियों, अस्पताल में व्याप्त ख़ामियों को यूं ही नजरअंदाज किया जाता रहेगा ! क्या क्षेत्र के वाशिन्दों को कुछ लोगों के निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए अपने अधिकारों की बलि देते रहने होगी ? मास्टरमाइंड के निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए अस्पताल के कुछ डॉक्टर अपनी मनमानी करने पर तुले हैं। आज जब में प्रातः समाचार पत्र पढ़ रहा था तो एक अखबार में केकड़ी अस्पताल की खबर देखने को मिली, चलो किसी अखबार में अस्पताल में चल रही डॉ गणपतराज पुरी की मनमानी की खबर देखने को तो मिली, वरना एक बार तो ऐसे लगने लगा था कि अस्पताल की तमाम अव्यवस्थाओं की खबर छापने का ठेका मैने ही ले लिया हो। आखिर खबरनवीसों का भी तो कोई फर्ज होता होगा ! केवल किसी की शान में कसीदे पढ़ना ही हमारा काम नहीं। आमजन हमसे ढ़ेर सारी उम्मीदें पाले हुए है, हमें आमजन की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के लिए सच्चाई को प्रशासन व सरकार तक पहुंचाने के लिए साफ-साफ लिखना ही होगा। खैर मैं किसी को बेवजह सलाह देना नहीं चाहता, जनता है सब जानती है। एक दिन सबका हिसाब जनता के हाथों होना है। मेरी तो मास्टरमाइंड व डॉ पुरी को सलाह है कि वे अपनी गतिविधियों को लगाम दे वरना ये जनता…!