बीकानेर, 13 दिसम्बर। कला, साहित्य, संस्कृति मंत्री डाॅ. बुलाकीदास कल्ला ने कहा कि पद्मश्री महाकवि कन्हैयालाल सेठिया ने अपनी रचनाओं के माध्यम से आमजन में देशभक्ति, भाईचारे व साम्प्रदायिक सद्भाव की भावना का संचार किया। सेठिया जी ने राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु अनुकरणीय कार्य किया।
डाॅ.कल्ला गुरूवार को लक्ष्मी हैरिटेज परिसर में गरुवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की मुख पत्रिका जागती जोत के ’महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया विशेषांक’ का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेठिया ने ’धरती धोरां री’, ‘पातळ अर पीथळ’ जैसी अनेक कालजयी रचनाओं का सृजन किया। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से किसानों, श्रमिकों व शोषितों की समस्याओं को उजागर किया। सेठिया मायड़ भाषा के उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत रहे।

डाॅ. कल्ला ने कहा कि स्वर्गीय सेठिया की इस वर्ष जन्मशताब्दी है, इस अवसर पर राजस्थानी अकादमी द्वारा उन पर विशेषांक प्रकाशित करना अत्यन्त सराहनीय कार्य है। इस विशेषांक के माध्यम से युवा पीढ़ी को साहित्य सृजन की प्रेरणा मिलेगी। सेठिया के गीत आमजन में अत्यन्त लोकप्रिय हैं व जन-जन की जुबान पर हैं।

इस अवसर पर राजस्थानी अकादमी सचिव शरद केवलिया, उपनिदेशक जनसम्पर्क विकास हर्ष, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक उमाशंकर किराडू सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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