बीकानेर / जिला कलेक्टर ने मंगलवार को रात नगर निगम द्वारा संचालित कारैन-बसेरे अवलोकन किया, साथ ही पीबीएम अस्पताल परिसर स्थित जनाना अस्पताल के बाहर संचालित रैन-बसेरे को भी देखा।
गौतम ने रेलवे स्टेशन के पास संचालित रैन-बसेरे में रह रहे लोगों से बातचीत की और उन्हें दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी देखी। जब एक वृद्ध व्यक्ति को बताया गया कि जिला कलक्टर स्थिति देखेने के लिए आए हैं, तो उस वृद्ध ने अंग्रेजी में कलक्टर साहब का अभिवादन करते हुए उनको अपने पास ही बुला लिया। जैसे ही गौतम पंहुचे, तो वृद्ध ने हाथ बढ़ाया और जिला कलक्टर से हैण्डशेक करते हुए अपना पूरा परिचय अंग्रेजी में दिया और अपने बारे में बताया कि वह डबल एम.ए. पास है और पहले राजकीय सेवा में थे, मगर परिस्थितिवश अब यहाँ है। वृद्ध व्यक्ति ने रैन-बसेरे की व्यवस्थाओं की भी तारीफ की।
यहीं रह रहे एक तमिलनाडु निवासी ने भी जिला कलक्टर के पास आकर बातचीत की और बताया कि यहाँ रैन-बसेरे में भी घर जैसा ही माहौल है और वो यहाँ पिछले 4 वर्षों से आश्रय लिए हुए है। उन्होंने तमिलनाडु के बारे में भी काफी बातें जिला कलक्टर को बताई। रैन-बसेरे के संचालक मंगलवार की शाम बने भोजन की गुणवत्ता के बारे में बताने के लिए जब परोसी हुई थाली लाए, तो जिला कलक्टर ने रैन-बसेरे में दिए जाने वाले खाने को चखकर देखा।
गौतम ने इसके बाद पीबीएम अस्पताल में चल रहे रैन-बसेरे को भी देखा। यहाँ वाटर-प्रूफ टैन्ट लगा हुआ था। गौतम ने यहाँ रात-गुजारा करने वाले लोगों को दिए जाने वाले बिस्तर, रजाई आदि को भी देखा। रैन-बसेरे के पास ही रोगियों और उनके परिजनों के लिए गुनगुने पेयजल की लगी स्टाल को भी उन्होंने देखा। उन्होंने रैन-बसेरे के संचालकों और उपस्थित भामाशाहों से बातचीत करते हुए कहा कि पीबीएम अस्पताल में स्थाई रैन-बसेरे का भवन निर्माण करने की संभावनाओं को भी तलाशें।