बीकानेर जोधपुर जैसलमेर राजघराने के अति प्रिय व्यक्तित्व और महान स्वतंत्रता सेनानी कवि तेज़ की पुण्यतिथि पर आज कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा सेवगो के चौक स्थित पंचायत भवन में स्मरण सभा आयोजित की गयी|
स्मरण सभा में कवि तेज़ के व्यक्तित्व को बताते हुए निदेशक कामिनी भोजक ने कहा कि कवि तेज़ का इतना प्रभाव था कि देखने से ऐसा प्रतीत होता कि जैसे साक्षात भगवान सूर्य नारायण के दर्शन हो रहे हो .कविता पाठ में इतना माधुर्य और सम्मोहन था कि हर कोई व्यक्ति जो उनकी कविता एक बार सुन लेता तो साँप जैसे बीन पर मोहित हो जाता है सब कुछ भूलकर वैसेहीहर इंसान उनका कायल हो जाता|जैसलमेर में तो आपको नगर शिरोमणि की उपाधि भी प्राप्त थी अन्य जातियों धर्मो, और संप्रदायों में आपको सम्मान दिया जाता था 1923 में पुष्टिकर समाज के प्रतिनिधि के तौर पर जब आपका जयपुर जाना हुआतब गद्य पद्य युक्त रचनाओं से आपने वहां सबको सबको मंत्र मुग्धकर दिया आपको वहा स्वर्ण प्रदान किया गया| भोजक ने उनकी रचना काशी, मथुरा,प्रयागवड, गजनी अरु भटनेर|

दुगमदेरावर, लोद्रवा नोवा जैसलमेर|| सुनाते हुए ओजस्व को कुछ यूं बयां किया कि “आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य,-मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य”
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी श्रीलाल सेवग ने की।
सचिव आर.के.शर्मा ने कहा कि जैसलमेर नगर में उस वक़्त निवास करने वाले शाकद्वीपीय ब्राह्मणों में कुंठा और अंधविश्वास ज्यादा था और कवि तेज़ उसको मिटाने के लिए प्रायसरत रहे राजपुताना में उनकी लोकप्रियता और प्रतिस्ठा रही। खतरग्क्ष के यति वृद्धिचंद जी और उनके शिष्य लक्ष्मीचंद जी महाराज का उन पर अगाध प्रेम थाप्रवक्ता नितिन वत्सस ने कवि के चित्र पर पुष्पांजलि किये।

वरिष्ठ समाजसेवी सूर्यप्रकाश शर्मा
पुरषोत्तम सेवग, दुर्गादत्त भोजक, प्रहलाद दास सेवग,गोपाल कृष्ण भोजक प्यारेलाल ने शब्दाजंलि अर्पित करते हुए कवि तेज़ का स्मरण किया
इस अवसर पर जितेंद्र भोजक, अरविंद शर्मा, निशा, असीम कौशिक सहित गणमान्य जन मौजूद थे