जैसलमेर के पोकरण नगर में स्थित मां आशापुरा का मंदिर जो कि अपना 760 वर्ष का अपना इतिहास लिए हुए हैं गुजरात के कच्छ भुज से शाकम्बरी माता की ज्योत लाकर लाकर लूण भूण जी की आशा पूर्ण करने के कारण यहाँ आशापुरा के नाम से यहां पर उनके मंदिर की स्थापना की गयी
मंदिर के पुजारी नगदपुरी ने बताया कि यहां 450 वर्षो से अखंड ज्योत के दर्शन करने लोग दूर दूर से पद यात्रा करके भी आते है जो कि उनके आसाओ को पूरा करती है ।

आसोज के नवरात्रि की तैयारियों को लेकर बीकानेर के युवा चित्रकार राम कुमार भादाणी व कमल किशोर जोशी द्वारा मन्दिर की बंगली पर सुनहरी कलम से अपनी धर्मिक व संस्कृति के साथ साथ शहर की पौरणिक सभ्यता को साकार कर कलात्मक कार्य किया है । मंदिर में आसोज के नवरात्रा की पूर्व तैयारी में राधेश्याम ,आदित्य , कुलदीप व जगमोहन के द्वारा थर्माकोल व फूलों के श्रंगार किया जा रहा है ।