बीकानेर। पांच दिवसीय राज्य स्तरीय प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला ज्ञान गंगा के दूसरे दिन तीन सत्रों में 3 व्याख्यान, एक प्रायोगिक अध्ययन एवं ग्रुप टास्क आयोजित किया गया। प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता सेंटर फाॅर एडवास्ंड स्टडी राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की प्रोफेसर अंशु अडिया ने अपने उद्बोधन में शोध कार्य का उच्च शिक्षण विषय को पावर पाइन्ट विधि से समझाया प्रोफेसर अंशु अडिया एक मात्र महिला वैज्ञानिक है जिन्हें मैटीरियल सोसाईटी द्वारा दो सम्मान प्राप्त हुए है।
दूसरे कीनोट स्पीकर के रूप मे बेबलोर विश्वविद्यालय ईरान के प्रोफेसर डी. नजफपोर ने बायोसेंसर तकनीक से उपयोगों का प्रदर्शन किया, जी.सी.आर.सी शोधार्थी वर्तिका वैष्य ने ड्रग्स मे काम आने वाली डोकिंग स्टडीज के बारे में बताया। प्रायोगिक सत्र में डाॅ. नरेन्द्र भोजक द्वारा वर्चुअल प्रयोगों का सजीव प्रदर्शन किया गया।

वर्चुअल प्रयोगों का हुआ प्रदर्शन
डूंगर महाविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग में स्थापित स्मार्ट साईंस लैब के प्रभारी डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने बताया कि कार्यशाला के दौरान आगुमैन्टड रिएलीटी, वर्चुअल रिएलटी व आकुलस रिएलटी पर आधारित चार साईंस प्रयोगों को दर्शाया गया। डाॅ. भोजक के अनुसार वर्चुअल रिएलटी मे आप कृत्रिम वातावरण को आप अपने अंदर धारित कर पाते है। आर्गुमेन्टड रियल्टी में आप कृत्रिम वातावरण से आगे बढ़कर कार्य कर सकते है। 52 प्रतिभागियों ने इन प्रयोगों मे बढ़ चढ़ कर भाग लिया एवं रूचि दिखाई। डाॅ. भोजक के अनुसार शीघ्र ही स्मार्ट साईंस लैब के माध्यम से रसायन विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के प्रयोग भी करवायें जायेेंगें। कार्यक्रम में सेक्रेटरी डाॅ. एस.के. वर्मा, सिमरनलीन सिंह व संध्या गोदारा ने तकनीकी पक्षों को बखूबी से संभाला।
डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया, सेक्रेटरी डाॅ. एस.के. वर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश से 52 प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग लिया।