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बीकानेर, 30 अक्टूबर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. के सान्निध्य में ढढ्ढा कोटड़ी में शुक्रवार को सुबह नौ बजे विशेष अनुष्ठान होगा। अनुष्ठान के दौरान जैन आगमों का विधि विधान से पूजन होगा ।

्र ढढ्ढा कोटड़ी में बुधवार को साध्वीश्री शशि प्रभा जी.मसा. ने प्रवचन में कहा कि ज्ञानियों व गुणजनों का सम्मान करना चाहिए तथा हमेशा हमारे शास्त्रों, आगमों व प्राचीन ग्रंथों का सम्मान करना चाहिए तथा विद्यार्थियों व शिक्षकों तथा सही शिक्षा देने वाले धर्म गुरुओं का आदर करना चाहिए। विद्यार्थियों को पढ़ने में किसी तरह का व्यावधान नहीं डालना चाहिए। आर्थिक, मानसिक तथा शारीरिक रूप् से कमजोर बच्चों को पढ़ने में तन, मन व धन से सहयोग करना चाहिए। जरूरतमंद को शिक्षा में प्रोत्साहित व सहयोग करने वालों की देवी सरस्वती व महालक्ष्मी की कृृपा रहती है। शास्त्रों में कहा गया है कि ज्ञान को बांटने से बढता है तथा संकलित कर रखने से घटता है। अपने ज्ञान को दूसरों में बांटने से धर्म व धन की वृद्धि होती है।

उन्होंने कहा कि कार्तिक शुक्ला पंचमी अर्थात दीपावली के पाँचवे दिन ज्ञान पंचमी मनाई जाती है। इस दिन विधिवत आराधना, ज्ञान की भक्ति और ज्ञान स्वाध्याय का सतत् प्रयास करते रहने से सम्यग् ज्ञान की प्राप्ति होती है । अहंकार, क्रोध, प्रमाद, व आलस्य ज्ञान प्राप्ति में बाधक है। कर्मबंधन बांधने वाले कषायों से मुक्त रहते हुए ज्ञान की साधना, आराधना व भक्ति करना चाहिए।