बीकानेर 27 जून। डूंगर महाविद्यालय द्वारा वेबिनार श्रृंखला के तहत आयोजन की कड़ी में शनिवार को पांचवे समापन दिवस पर टांटिया विश्वविद्यालय श्री गंगानगर के कुलपति प्रो. एम.एम. सक्सेना, ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में में काॅलेज शिक्षकों की शिक्षण, शोध तथा प्रशासन के रूप में विभिन्न दायित्व तथा भूमिकाओं के सफलता पूर्वक निर्वहन पर विस्तार से चर्चा की। प्रो. सक्सेना ने उदाहरणों के माध्यम से प्रशासन एवं शोध कार्यों के बीच जुड़ाव के रूप मे कार्य करके संस्थान के साथ साथ विद्यार्थियों के हितों को सुनिश्चित् करने पर बल दिया। उन्होनें कहा कि शिक्षक का प्रथम दायित्व शैक्षणिक कार्य है उसके पश्चात ही शोध एवं प्रशासनिक कार्य पर बल दिया जाना चाहिये। डाॅ. सक्सेना ने कहा कि उन्होनें शिक्षक, शोधकर्ता एवं प्रशासनिक सहित अनेक दायित्व का निर्वाहन किया है जिसमें उन्होनें शिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

इस अवसर पर बोलते हुए डाॅ. मीरा श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार के वेबिनार के आयोजन से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बीच एक बेहतर तालमेल स्थापित हो सकेगा। डाॅ. मीरा ने अतिथियों का परिचय भी दिया।
प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान डूंगर काॅलेज ने सरकारी एडवायजरी की अनुपालना में इस प्रतिदन 150 से भी अधिक शिक्षकों को वेबिनार के माध्यम से जोड्कर विभिन्न विषयों पर संवाद स्थापित किया गया। उन्होनें कहा कि राजस्थान के किसी भी सरकारी महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित यह प्रथम वेबिनार है।
वेबिनार में संरक्षक और प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक, सह संरक्षक डाॅ. शिशिर शर्मा, सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष, प्राणीशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डाॅ. मीरा श्रीवास्वत सहित आयोंजन समिति के डाॅ. देवेश खंडेलवाल, डाॅ. दिव्या जोशी, डाॅ. नरेन्द्र भोजक, डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, डाॅ. एस.के. वर्मा, डाॅ. हेमेन्द्र सिंह भंडारी, डाॅ. देवेश सहारण, डाॅ. श्वेता नेहरा, डाॅ. रवि परिहार सहित 150 से भी अधिक संकाय सदस्यों एवं शोधकर्ताओं ने भाग लिया।