बीकानेर 7 अप्रैल। डूंगर कॉलेज के हिंदी विभाग में बुधवार को परीक्षा की तैयारी संबंधी सेमिनार का आयोजन किया गया ।
सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ उमाकांत गुप्त ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि होशपूर्वक काम करते हुए स्वाध्याय ही तप है, के मार्ग पर चलना चाहिए।
नियमित विद्यार्थी को नियमितता का लाभ सदैव ही मिलता है।
उन्होंने कहा कि सफलता के बजाय सार्थकता पर अपने को केंद्रित करना चाहिए।छात्रों को चाहिए कि वे स्वयं को किसी कवि या लेखक की केवल पाठ्यक्रम वाली रचनाओं तक ही सीमित न रखें । छात्र अधिकाधिक पढ़ें और गुने तभी वे साहित्य के सहृदय पाठक के रूप में रचना का रसास्वादन कर पाएँगे।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राचार्य डॉ अनिल कुमार यादव ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि कड़ी मेहनत और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।उन्होंने हिंदी विभाग को महाविद्यालय का श्रेष्ठ विभाग बताते हुए कहा कि नाक टीम हिन्दी विभाग से बहुत प्रभावित हुई थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विषय प्रभारी डॉ मुकुंद नारायण पुरोहित ने कहा कि विभाग छात्र छात्राओं के सुखद भविषय हेतु निरन्तर प्रयत्नशील रहा है ।उन्होंने कहा कि हिंदी विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं वैज्ञानिक भाषा है।इस अवसर पर उन्होंने
अभ्यास के द्वारा विद्यार्थी को अपने रूपांतरण पर अधिक गौर किये प्रक्रिया को महत्त्वपूर्ण बताया।
मधुमती के संपादक ब्रजरतन जोशी ने डॉ गुप्त को ताज अंक की प्रति भेंट की।कार्यक्रम के आखिर में बी ए पार्ट तृतीय के छात्र मयंक,लक्ष्मी चारण, राधेश्याम ,महेश सोनी आदि ने प्रश्न रखें जिसका निराकरण डॉ गुप्त ने किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी विभाग की संकाय सदस्या डॉ अनिता गोयल ने किया।