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डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने लगती है ऐसी स्थिति में पपीते के पत्ते का जूस प्लेटलेट्स को ठीक करने में सबसे कारगर माना गया है !!
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✍🏼तिलक माथुर
*केकड़ी_राजस्थान
डेंगू बुखार एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जो सिरदर्द और गंभीर मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द के साथ उच्च बुखार का कारण होती है। यदि किसी मरीज को अधिक बुखार हो जाता है तो उसका डॉक्टर के परामर्श के बाद इलाज आवश्यक हो जाता है। हालांकि कुछ मरीजों को घर पर ही उपचारों से ठीक किया जा सकता है, तो किसी को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ जाती है। जैसा कि हमें पता है, इन दिनों डेंगू बहुत तेजी से फैला हुआ है और कई लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बात की पुष्टि की गई है कि डेंगू का प्रकोप दिवाली तक रहेगा।

ऐसे में आपको इस बीमारी से जुड़ी हर चीजों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप खुद को सावधान रख सकें। उल्लेखनीय है कि डेंगू एक नॉन-कॉन्टेजिअस डीजिज है। यानी यह कभी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं पहुंचता है। डेंगू मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है जो दिन के समय अधिक सक्रिय रहता है। जब कोई मच्छर डेंगू से संक्रमित व्यक्ति से ब्लड खींचता है, तो वायरस मच्छर की लार ग्रंथियों में चला जाता है। *डेंगू बुखार से बच्चों या बड़ों को बचाना है तो करें ये घरेलु इंतजाम:* डेंगू के मरीजों के आस-पास हमेशी सफाई रखें। जब भी उन्हें तेज बुखार हो या ठंड लगे तो ब्लैंकेट से कवर कर दें। इसके अलावा हर थोड़ी देर पर उन्हें लिक्विड ड्रिक्स देते रहें। साथ ही उन्हें तरल प्रदार्थ जूस अधिक देवें व हल्का खाना खिलाएं जैसे- सूप, खिचड़ी, दलिया।

क्या है डेंगू बुखार के लक्षण ?अचानक तेज बुखार आ जाना, सिर दर्द होना, थकावट महसूस करना, उल्टी होना, स्किन रैशेज हो जाना, आंखों के आस-पास दर्द होना, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होना आदि। डेंगू बुखार के लिए कौन से मेडिकल टेस्ट कराते हैं डॉक्टर ? डेंगू वायरस (पीसीआर) के लिए आणविक परीक्षण-स्वयं वायरस की उपस्थिति का पता लगाएं, ये परीक्षण लक्षणों की शुरुआत के 7 दिन बाद तक डेंगू बुखार का निदान कर सकते हैं और यह निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है कि डेंगू वायरस के 4 अलग-अलग सीरोटाइप में से कौन सा संक्रमण पैदा कर रहा है। डेंगू के लक्षण दिखे तो क्या करें प्राथमिक उपचार !एडीस नामक मच्छर आपके आसपास मौजूद जमे पानी एक छोटी बूंद के आकार में अंडे दे सकता है और रख सकता है। इसलिए डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए आपको पानी को हटा देना चाहिए।

सबसे असरदार घरेलू उपचार डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने लगती है ऐसी स्थिति में पपीते के पत्ते का जूस प्लेटलेट्स को ठीक करने में सबसे कारगर माना गया है ! विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट का समृद्ध स्रोत पपीते के पत्ते इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में भी मदद करते हैं। इसके कारण पपीते के ताजे पत्ते भी बिक रहे हैं। यदि आप टैबलेट लेना चाहते हैं तो इसके लिए आयुर्वेद के दवा स्टोर पर भी पपीते के पत्तों से निर्मित गोलियां उपलब्ध होती हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू बुखार में अक्सर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती हैं। इससे पीड़ित मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

डेंगू बुखार से ग्रसित व्यक्ति के यदि प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, तो पपीते के पत्ते ब्लड प्लेटलेट्स काउंट में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। *पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाएं* इसके लिए आप एक कप पपीते का ताजा पत्ता लीजिए। इसे पीसकर इसका जूस निकाल लीजिए, फिर इसे मरीज को दीजिए। डॉक्टर की सलाह से इसमें शहद या फिर फलों का जूस मिला सकते हैं। इससे स्वाद बदल जाता है। प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में आप रोजाना तीन बार दो बड़े चम्मच पपीते के पत्ते का जूस पी सकते हैं। अतः सतर्कता और इलाज जरूरी है, क्योंकि डेंगू बुखार खतरनाक साबित हो सकता है। जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है, अतः इन दिनों कोई भी बुखार हो डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए !
संकलन : तिलक माथुर 9251022331*