बीकानेर। श्री वेद ज्योतिष विज्ञान कला संस्कृति जनकल्याण अनुसंधान संस्थान जयपुर में आयोजित दो दिवसीय वेदिक ज्योतिष मंथन वेदामृत राष्ट्रीय संगोष्ठी में बीकानेर के विश्वविख्यात ज्योतिषाचार्य द फोरकास्ट हाउस निदेशक डॉ नंदकिशोर पुरोहित को ज्योतिष ऋषि सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ. नंदकिशोर को सम्मान स्वरूप ज्योतिष ऋषि का सर्टिफिकेट स्मृति चिन्ह दुपट्टा एवं पुष्पा हार से सम्मानित किया गया। डॉ नंदकिशोर का सम्मान करने वालों में प्रमुख रूप से कार्यक्रम के आयोजक व वेदामृत संस्थान के निदेशक पंडित दिलीप अवस्थी पुणे महाराष्ट्र की ग्रह कित पत्रिका के प्रमुख संपादक चंद्रकांत जी शिवाले हिमाचल प्रदेश से डॉक्टर लेखराज शर्मा कानपुर से की पद्मेश दुबे वह ब्राह्मण सभा के सचिव पंडित अंबिका दत्त जी शर्मा प्रमुख थे ।

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कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ नंदकिशोर ने अपने वक्तव्य में कहा की “ज्योतिष एक विज्ञान इसे कोई भी सीख सकता है यह जीवन का विज्ञान है यह जीवन की संबंधित सभी विषयों की जानकारी देता है दुनिया में कोई ऐसा विज्ञान नहीं है जिससे यह जाना जा सके की किसी का भूत भविष्य और वर्तमान क्या होगा केवल मात्र ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो व्यक्ति के भूत भविष्य और वर्तमान की जानकारी स्पर्श कम देता है ज्योतिष शास्त्र में जैसे ही बच्चा पैदा होता है उसी समय को आधार मानकर एक सफल ज्योतिषी उसकी कुंडली के माध्यम से उसके आने वाले जीवन में कर्म क्या होंगे वह जीवन में कौन सा कैरियर चुनेगा उसके पास कब कब और कितना समय धन संपत्ति प्रसंता और वैभव कितना होगा व्यापार करेगा या नौकरी उसकी शादी कब होगी व उसके पति या पत्नी का नाम का अक्षर क्या होंगे उसके जन्म के समय में ही लिख दिया और बता दिया जाता है जो अक्षर रूप से सही पाए जाते हैं” ।

कार्यक्रम के दौरान एक विद्वान ज्योतिषी के द्वारा चुनाव की सफल भविष्यवाणी जो डॉ नंदकिशोर के द्वारा पूर्व में वर्ष 2018 में भारत सरकार में बीजेपी की 303 सीट लेकर की 2019 में सरकार बनाएगी वह सही साबित कैसे हुई उसके सिद्धांतों के बारे में पूछा गया इसके जवाब में डॉ पुरोहित ने बताया की भारतीय पंचांग में सभी भविष्यवाणी पूर्व में ही कर दी गई है शताब्दी भारतीय पंचांग जो सैकड़ों सालों से बने हुए हैं उसमें आपकी वर्ष का राजा कौन होगा आपके देश का राजा कौन होगा आपके मंत्री कौन कौन होंगे यह सभी लिखे होते हैं मैंने तो केवल उसको हिंदी भाषा में बताया है पंचांग में सब कुछ पूर्व में ही लिखा गया है पंचांग की भाषा को एस्ट्रोनॉमी या खगोल विज्ञान कहते हैं । इसमें संपूर्ण गणित स्टैटिकल गणित आती है उसे एस्ट्रोलॉजी फलादेश में बदलना होता है एस्ट्रोनॉमी से एस्ट्रोलॉजी में बदलते हुए अगर किसी ज्योतिषी कोई गलती नहीं करता है तो एक सफल भविष्यवक्ता कहलाता है और अधिकतर ज्योतिषी एस्ट्रोनॉमी से एस्ट्रोलॉजी बनाने में गलती करते हैं इस कारण वह सही सटीक व स्पष्ट भविष्यवाणी नहीं कर सकते ज्योतिष विज्ञान एस्ट्रोनॉमी कभी भी गलत नहीं हो सकती ज्योतिषी फलादेश करने वाला एस्ट्रोलॉजर गलत हो सकता है ।

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कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के विश्वविख्यात हस्त रेखा शास्त्री डॉक्टर लेखराज शर्मा ने लोगों की हस्तरेखा देखकर जन्म तारीख और जन्म समय बता कर दुनिया को आश्चर्यचकित किया पूरे विश्व में हस्तरेखा देखकर जन्म तारीख और जन्म समय बता कर कुंडली बनाने वाले एकमात्र व्यक्ति लेखराज शर्मा है जोधपुर के श्री एस के शर्मा पुणे के चंद्रकांत शिवाले प्रश्न शास्त्र रमल विद्या की जानकारी से लोगों के प्रश्न व प्रश्न के जवाब कैसे स्पष्ट आते हैं उनकी जानकारी उपस्थित विद्वानों को दी । कार्यक्रम में संपूर्ण भारत से ही नहीं नेपाल भूटान से भी ज्योतिषाचार्य हस्त रेखा विशेषज्ञ अंक ज्योतिष आचार्य व राजस्थान जयपुर के भी कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । कार्यक्रम जयपुर के खोलें के हनुमान जी मंदिर के गीता भवन सभागार में आयोजित किया गया । डॉ नंदकिशोर पुरोहित को ज्योतिष ऋषि सम्मान मिलने पर बीकानेर के कई गणमान्य व विशिष्ट व्यक्तियों ने भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए बधाई दी ।