– कोरोना की तीसरी लहर की आशंका : तीसरे साल भी नहीं भरेगा रामदेवरा मेला, दो साल में झेल चुके हैं 200 करोड़ का नुकसान.

– प्रशासन ने बाबा रामदेवरा मेला स्थगित करने का लिया फैसला

पोकरण (जैसलमेर)।पिछले दो वर्ष से लगातार बाबा रामदेव के मेले को कोरोना महामारी के चलते स्थगित किया जा रहा काेराेना की तीसरी लहर की आशंका के चलते तीसरे साल लगातार रामदेवरा का भादवा मेला स्थगित कर दिया गया। पिछले दो वर्ष से लगातार बाबा रामदेव के मेले को कोरोना महामारी के चलते स्थगित किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों से लगातार मेले को स्थगित करने के कारण दो वर्षों में व्यापारियों को 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है। ऐसे में रामदेवरा वासियों और दुकानदारों को इस वर्ष होने वाले बाबा रामदेव के भादवा मेले से पूरी उम्मीद थी।

बाबा रामदेव के मेले को लेकर दुकानदारों ने अपनी तैयारियां भी पूर्ण कर ली थी। जिसके चलते रामदेवरा में एक बार फिर से चमक नजर आने लगी थी। लेकिन प्रशासन के फैसले के साथ ही लोगों की उम्मीदें चकनाचूर हो गई है। उपखंड अधिकारी कार्यालय पोकरण में मंगलवार को अधिकारियों की बैठक में उपखंड क्षेत्र के सभी अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में उपखंड अधिकारी राजेश विश्नोई ने बताया कि पश्चिम राजस्थान के महाकुंभ के रूप में पहचाने जाने वाले बाबा रामदेव के मेले में प्रतिवर्ष 35-40 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं।
– मेला न लगने से यह पड़ा असर
8 हजार परिवार की रोजी-राेटी पर संकट, लगातार तीसरे साल मेला स्थगित होने से बढ़ी परेशानी*
रामदेवरा में बाबा रामदेव के भादवा मेले को स्थगित करने के आदेश का असर स्पष्ट रूप से रामदेवरा में निवास करने वाले लगभग 8 हजार लोगों पर पड़ेगा। रामदेवरा में लगभग 8 हजार परिवार निवास करते हैं। जिनकी आय का मात्र एक साधन बाबा रामदेव की समाधि है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के कारण 8 हजार परिवारों के घरों में चूल्हा जलता है। कोरोना महामारी के दौर में दो बार लगातार मेला स्थगित करने के कारण रामदेवरा में लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से लड़खड़ा गई थी। कई लोगों को रामदेवरा से पलायन भी करना पड़ा। इस बार कोरोना का असर कम होने के कारण ग्रामीणों को बाबा रामदेव के मेले से उम्मीद थी। लेकिन प्रशासन द्वारा बाबा रामदेव के मेले को स्थगित के आदेश देने के साथ ही लोगों पर आर्थिक संकट गहराने लगा है।
*पंचायतीराज चुनाव हो रहे हैं, फिर मेले पर रोक क्यों*
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप बताकर बाबा रामदेव के मेले को स्थगित करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना का असर प्रदेश में चल रहे पंचायतीराज चुनावों पर प्रभाव नहीं ड़ालता। जहां एक ओर भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाबा रामदेव के मेले को स्थगित करने के आदेश दिए हैं वहीं दूसरी ओर सरकार पंचायतीराज चुनावों को लेकर जोर शोर से प्रचार प्रसार कर रही है। ऐसे में सरकार की दोहरी नीतियों को लेकर आमजन में काफी रोष व्याप्त है।
– बाहरी जिलों से भी पहुंचे व्यापारी हुए निराश
रामदेवरा में आयोजित होने वाले बाबा रामदेव के मेले पर रामदेवरावासियों के साथ साथ बाहरी जिलों से आकर दुकानें लगाने वाले लोग भी निर्भर है। पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के चलते इन दुकानदारों का रामदेवरा में रहना भी मुश्किल हो गया था। श्रद्धालुओं के नहीं आने के कारण इन दुकानदारों पर आर्थिक मंदी का पहाड़ टूट पड़ा।

पिछले दो वर्ष से कोरोनाकाल के कारण लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं मेला आयोजित नहीं होने के कारण आर्थिक रूप से काफी परेशानी भी उठानी पड़ी। इस बार आयोजित होने वाले मेले से काफी उम्मीद थी। लेकिन वह भी स्थगित हो गया। जिसके कारण मेले को लेकर की गई तैयारी धरी की धरी रह गई।
– भंवर जयपाल, स्थानीय व्यापारी
एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए तथा कोरोना महामारी के रखरखाव को लेकर बाबा रामदेव के मेले को स्थगन का प्रस्ताव लिया गया है।
समंदरसिंह तंवर, सरपंच(ग्राम पंचायत रामदेवरा)
कलेक्टर के आदेशानुसार सभी अधिकारियों की उपस्थिति में कोरोना टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर के आदेश पर कोरोना महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए बाबा रामदेव के मेले को स्थगित करने के आदेश दिए गए है ।