काठमांडू (नेपाल)
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित स्व से शिखर के दुसरे चरण में “मनाएं नव वर्ष, पाएं उत्कर्ष एक दुजे के लिए”
तेरापंथ महिला मंडल काठमांडू द्वारा रविवार को भव्य रूप से आयोजित किया गया। सर्वप्रथम कार्यशाला का शुभारंभ ऊं ह्लीं श्रीं पार्श्वनाथाय नमः के जप से हुआ। तत्पश्चात अध्यक्षा श्रीमती प्रेमा नाहटा ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया ओर इस विषय पर प्रेरणास्पद विचार रखे। इस कार्यशाला में अनेक बहनों ने बड़े ही सुन्दर ढंग से अपने विचारों ओर अनुभवों को प्रस्तुतीकरण किया ! ललित मरोटी के अनुसार श्रीमती कनक भंसाली ने इस अवसर पर भगवान अरिष्टनेमि एवं राजुल को याद कर के कहा कि व्यवहारिक जीवन में सभी का समर्पण रहता है परन्तु संयमी जीवन में भी धर्म की प्रभावना बढ़ाने हेतु उनकी तरह हम सभी को भी धर्म पति -धर्म पत्नी का जीवन जीने की कामना रखनी चाहिए। श्रीमती उषा नौलखा ने कहा कि आपसी रिश्ते की डोर को मजबूती देने के लिए विश्वास ओर सम्मान जरुरी है। श्रीमती अपर्णा बोथरा ने कहा एक दुसरे की गलतियों को माफ करने से रिश्ते में मधुरता आती है।

श्रीमती लता नाहटा ने कहा पति-पत्नी के सुंदर जीवन की बुनियाद अपनत्व एवं आत्मीयता की नींव पर ही बनती है। इस कार्यक्रम में अध्यात्मिक खेल के द्वारा मनोरंजन करवाया गया। जिसमें प्रथम स्थान उपाध्यक्षा श्रीमती अमिता नाहटा ओर दूसरे खेल में प्रथम श्रीमती अपर्णा बोथरा को मंडल की ओर से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन मंत्री श्रीमती संगीता लुनिया ने किया। सेंकड़ो सदस्य बहनों की सराहनीय उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई !