-कई क्लेम कमिश्नर होंगे अपॉइंट

SIT ने खंगालनी शुरू की उपद्रव के केसों की फाइलें…

दिल्ली पुलिस की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में 13 दिसंबर से राजधानी में हुए उपद्रवों की तफ्तीश शुरू कर दी है। नॉर्थ ईस्ट, साउथ ईस्ट, शाहदरा और सेंट्रल जिले में दर्ज सभी 10 मुकदमों की केस फाइल तलब कर ली गई है। कुछ मामलों में गिरफ्तार उपद्रवियों की तरफ से जमानत याचिका दी गई थी, इसलिए उनकी फाइलें देर शाम तक एसआईटी के पास नहीं पहुंची थीं। मंगलवार दोपहर तक पहुंच चुकीं फाइलों में से दर्ज एफआईआर और अन्य दस्तावेजों की टीम ने बारीकी से स्टडी की। हरेक फाइल की जांच-परख कर तफ्तीश की आगे की दिशा तय की जाएगी।

एसआईटी की अगुवाई डीसीपी (क्राइम) राजेश देव कर रहे हैं। एसीपी संदीप लांबा और एसीपी मनोज पंत के अलावा क्राइम ब्रांच के पांच इंस्पेक्टरों की टीमें रहेंगी। चारों उपद्रव प्रभावित जिलों से दो-दो इंस्पेक्टर और उनकी टीमें इसमें शामिल की जा रही हैं। करीब 50 पुलिसकर्मी इस जांच का हिस्सा बनेंगे। एसआईटी के लिए कोतवाली स्थित ऑफिसर मेस में एक नया ऑफिस तैयार किया जा रहा है। जांच में जुड़े अफसरों ने बताया कि एक-एक फाइल की स्टडी करनी है। हर जिले से लगातार चल रही जांच का इनपुट आना है। कई सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल कैमरों की फुटेज चेक की जानी है। मोबाइल फोनों के डंप डेटा की स्टडी की जानी है। इसलिए यह ऑफिस टेक्निकल इक्विपमेंट से भी सुसज्जित होगा। चार जिलों में दर्ज 10 मुकदमों में पुलिस ने 64 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। इसमें भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण भी शामिल हैं। इन लोगों पर दंगा, जानलेवा हमला, आगजनी, आपराधिक षड्यंत्र, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इन उपद्रवों के दौरान 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। कुछ मामलों में गिरफ्तार आरोपी लगातार जमानत याचिका लगा रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने अभी किसी को कोई राहत नहीं दी है।

एसआईटी ने हाई कोर्ट से क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की है। अफसरों के मुताबिक, हरेक केस में अलग-अलग क्लेम कमिश्नर नियुक्त होंगे, जो हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट के रिटायर जज रहेंगे। एसआईटी की तरफ से क्लेम कमिश्नरों को विडियो फुटेज मुहैया कराई जाएगी। डीटीसी और नगर निगम के अलावा जिन लोगों को नुकसान हुआ, उन्हें एसआईटी की तरफ से लेटर भेजा जाएगा। अपने नुकसान की जानकारी क्लेम कमिश्नर को देने को कहा जाएगा। इसके बाद सभी मामलों में नुकसान का आकलन किया जाएगा। तोड़फोड़ के आरोपियों की लिस्ट और समान की कीमत वाली रिपोर्ट क्लेम कमिश्नर हाई कोर्ट को सौपेंगे।