नई दिल्ली दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करने के लिए थी, लेकिन इस रैली से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार का शंखनाद हो गया है। अगले दो माह में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा ने रैली के जरिये न केवल शक्ति प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि अब वह चुनाव में विरोधियों से जंग लड़ने के लिए तैयार है। इस रैली में भाजपा को जबरदस्त ताकत दी है क्योंकि यह रैली ऐतिहासिक रैली के रूप में रही है, क्योंकि इतनी ठंड और सुबह से ही चल रही शीत लहर के बीच लोगों का रैली में पहुंचना व समापन तक टिके रहना भाजपा के लिए चुनाव के मद्देनजर सकारात्मक लग रहा है।रामलीला मैदान पर रैली में मंच पर दिल्ली के सभी सांसद और दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली के सांसदों में डॉक्टर हर्षवर्धन ,प्रवेश वर्मा ,मीनाक्षी लेखी, गौतम गंभीर, हंसराज हंस ,रमेश बिधूड़ी दिल्ली भाजपा के प्रभारी श्याम जाजू ,पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ,केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, नित्यानंद राय, प्रकाश जावड़ेकर ,विजय कुमार मल्होत्राके साथ दिल्ली भाजपा प्रदेश के सभी नेतागण जिसमें राजेश भाटिया कुलजीत चहल भाजपा मीडिया प्रभारी अशोक गोयल बड़ी संख्या में दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ता गण मौजूद थे

कुछ दिन पूर्व ही कांग्रेस पार्टी की रामलीला मैदान पर रैली हुई थी और पूरे देश भर से कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को दिल्ली बुलाया था लेकिन भाजपा की इस रैली ने कांग्रेस की रैली का जवाब दियावहीं, नागरिकता संशोधन कानून के बीच दिल्ली व देशभर में हो रही हिंसक घटनाओं के बीच लोगों को रैली में लाना भाजपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। यही वजह रही कि भाजपा ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया था। इसके लिए 11 लाख लोगों से कॉलोनियों के नियमित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करने के लिए हस्ताक्षर भी कराए गए थे। इसी का परिणाम रहा कि रामलीला मैदान की रैली में भारी संख्या में लोग दिखाई दिए। भाजपा के लिए उत्साह की बात यह रही कि इस रैली में आए लोग कांग्रेस की तरह देशभर से नहीं आए थे, बल्कि दिल्ली के ही थे।सुबह 10 बजे से ही लोग रामलीला मैदान पहुंचना शुरू हो गए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामलीला मैदान पहुंचने से काफी पहले ही रामलीला मैदान पूरा भर चुका था। साथ ही बड़ी संख्या में लोग मैदान के बाहर भी प्रवेश के लिए इंतजार करते हुए नजर आए। लोगों की भीड़ से दिल्ली भाजपा के नेता गदगद दिखाई दिए।

नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के भ्रम को दूर करने से भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा आई है। कार्यकर्ताओं में यह भी स्पष्ट हो गया है कि वे भी लोगों के बीच इन मुद्दों को लेकर जा सकते हैं। साथ ही स्थानीय मुद्दों पर भी राज्य सरकार को घेर सकते हैं।मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस समेत सभी दलों को घेरानागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद दिल्ली-यूपी और बिहार समेत कई राज्यों में इसके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। मोदी ने अपने भाषण में सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्षी दलों पर जवाबी हमले किए। मोदी ने रामलीला मैदान में अपने संबोधन में कहा कि बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं और उनकी भावनाओं को भड़का रहे हैं। पीएम ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को निशाने लेते हुए कहा कि ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कही गईं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में डालकर भ्रम और आग फैलाने का अपराध किया है।

40 लाख से ज्‍यादा लोगों को घर का हक दियाअनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को बिना नाम लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर जनता ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था वे लोग दिल्ली के सबसे आलीशान और महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा सरकारी बंगले अवैध तरीके से अपने करीबों को दे रखे थे। उन लोगों ने दिल्ली की जनता के घरों को नियमित करने के लिए कुछ भी नहीं किया। इन्हें पता नहीं था कि ये मोदी है।हमने एक तरफ वीआइपी लोगों से दो हजार से ज्यादा बंगले तो खाली कराए ही, दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा गरीबों व मध्यम वर्ग के लोगों को उनके घर का हक भी दिया। मेरे लिए वीआइपी तो देश के गरीब लोग हैं।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इतने वर्षों तक दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी को अपने घर को लेकर डर, चिंता, अनिश्चितता, छल-कपट और झूठे चुनावी वादों से गुजरना पड़ा। लाखों लोगों की इस चिंता को दूर करने और समस्या के स्थायी समाधान की नीयत और ईमानदारी इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है, ये हमारे संस्कार नहीं है, ये हमारी राजनीति नहीं है।