– हेम शर्मा –

बीकानेर।बीकानेर में दुर्भाग्य यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं है जो प्रदेश या राष्ट्रीय कांग्रेस में अपनी नेतृत्व क्षमता के कारण पहचान रखता हो। जनता के बीच तो डॉ. बी.डी. कल्ला को छोड़ दें तो बाद कि पीढ़ी में कोई सर्वग्राही नाम ही नहीं है। कोई हो तो बता दें। पिछले महीनों जयपुर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर मैं अपने पत्रकार मित्रों के साथ बातचीत कर रहा था। इतने में ही बीकानेर से मुस्लिम समाज के कांग्रेस के लोगों का हुजूम आया स्वाभाविक था कि मैं भी उनके पास गया वे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन से कह रहे थे कि न्यास अध्यक्ष का पद हम में से किसी को भी दे दो। मैंने इसका अर्थ यह लगाया कि मुस्लिम समाज में भी कांग्रेस का सर्वमान्य नेता नहीं है। पुष्करणा समाज , माली समाज, अजा जजा तथा अन्य समाजों में कांग्रेस के कई सक्रिय लोगों के नाम जरूर है, परन्तु कांग्रेस कोई नेता नहीं है। बीकानेर में कांग्रेस के किसी नेता का नाम 10 लोगों से पूछकर देख लो एक नाम नहीं आएगा। 10 नाम ही आएंगे। क्या बीकानेर में कांग्रेस का नेतृत्व पिछलग्गू, छुटभैये, विवादित, गुटों में बंटे औऱ अपने नाम की पद पाने की सिफारिशों में सिमट गया।। क्या कल्ला के अलावा अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष किसी को दूसरे नम्बर पर मानते भी हैं ? बीकानेर कांग्रेस नेतृत्व विहीन है या एक भी नेता ऐसा है जो कभी भी बीकानेर के हितों औऱ विकास की आवाज बना है जरा नाम बताना । फिर काहे की नेतागिरी कर रहे हैं? कांग्रेस सरकार में पद पाने की चाहे वालों की तो लम्बी लिस्ट है। इन्होंने पद के लिए सिफारिशों की लाइन लगा दी है। जनता में इनकी सर्वग्राह्यता नहीं है। जनहित के कितने काम किए हैं कोई नहीं बता सकता। बीकानेर कांग्रेस में न किसी में जननेता बनने की ललक है और नहीं दक्षता। पद हर कोई पाना चाहता है। वाह रे कांग्रेस की राजनीति। जनता और क्षेत्र का कौन मालिक है। सभी अपने हाल पर ही है।