वर्तमान युग नेटवर्क का युग है | नेटवर्क बनाकर फैलने वाली बीमारी कोविड-१९ ने आदमी को घर में बंद पर बहुत से बंद नेटवर्कों को चालू कर दिया है | सबसे पहले फैमिली नेटवर्क, स्कूली नेट वर्क,आफिस का नेटवर्क, एक घर में कई- कई नेटवर्क चल रहे हैं | नेटवर्क तो हम सब के आसपास हैं। इनमें से कुछ नेटवर्क ऐसे हैं जिनके बारे में सभी जानते हैं|जैसे दूरसंचार नेटवर्क और कंप्यूटर नेटवर्क। लॉक डाउन ज्यादातर वक्त जहां टेलीफोन और स्मार्ट फोन नेटवर्क इन दिनों कहने को ठीक काम रहे हैं हैं, वहीं कई बार वे गड़बड़ भी साबित होते हैं और बातचीत नहीं हो पाती। परेशान करने वाले कारोबारी संदेश और कई बार हमें ठगने वाले, बैंक खाते की जानकारी लेकर चूना भी लगा रहे हैं |
वैज्ञानिकों ने नेटवर्क के अन्य गुणधर्म भी विकसित किए हैं: मसलन नेटवर्क में नोड्स का आकार, घनत्व, डिग्री तथा डिग्री की केंद्रीयता आदि। ये तमात बातें आपको ऊबाऊ लग सकती हैं और आप सोच सकते हैं कि इन सबके बारे में वैज्ञानिक ही जानें मैं इन बातों को लेकर क्यों परेशान होऊं। परंतु जब इन्हें आम लोगों के नेटवर्क पर लागू किया जाता है तो यह दिलचस्प नतीजे पेश करता है।जैसे ओल्ड बॉयज नेटवर्क वह होता है जहां आप केवल उन लोगों को अपनी कंपनी में नौकरी देते हैं जो उसी हाईस्कूल से पढ़े हों जिसमें आप पढ़े थे। सन १९५० के दशक तक देश की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में यह नेटवर्क व्यापक रूप से मौजूद था। लोगों को नौकरियों के साक्षात्कार का अवसर पाने के लिए दून स्कूल, सेंट पॉल या लॉरेंस स्कूल से पढ़ा होना जरूरी होता था।
अधिकांश सोशल नेटवर्क में समान लोगों के साथ लगाव नजर आता है। वे अपने जैसे लोगों के साथ रिश्ता बनाना पसंद करते हैं। इसमें सामाजिक वर्ग, नस्ल, लिंग, धर्म और पेशा आदि निर्णायक होते हैं। अमेरिका में हुए शोध बताते हैं कि ५० प्रतिशत शुरुआती रोजगार ऐसे ही सामाजिक नेटवर्क से मिलते हैं। शोधकर्ताओं ने आमतौर पर पाया कि श्रम बाजार खासकर प्रवासी बाजार में ऐसे नेटवर्क देखने को मिलते हैं।
अब बात उस शोध की जो नेटवर्क प्रभाव के बारे में बताता है, जब नेटवर्क प्रभाव मौजूद होता है तब किसी व्यक्ति को दी जाने वाली सेवाओं का मूल्य अन्य लोगों द्वारा किए जाने वाले उपयोग के साथ बढ़ता जाता है। इसे समझने के लिए क्रेडिट कार्ड उदहारण है| मसलन जितने ज्यादा लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे, उतनी अधिक दुकानें उसे स्वीकार करेंगी और इस प्रकार क्रेडिट कार्ड धारकों की तादाद बढ़ती जाएगी। समकालीन वेंचर कैपिटल उद्योग इसी से चल रहा है।
कोविड -१९ के नेटवर्क के कारण, ‘संक्रमण’, ‘सामाजिक दूरी’, ‘फैलाव’, ‘एकांतवास’ और प्रसार जैसे शब्द अचानक हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं।