हालमार्क को लेकर संशय दूर हो गया है। इसकी अनिवार्यता को लेकर गजट जारी हो गया है जो 15 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा। इस तारीख के बाद से केवल तीन कैरेट की ज्वैलरी को ही मान्यता मिलेगी यानी 14, 18 और 22 कैरेट। दो ग्राम से हल्की ज्वैलरी और 24 कैरेट सोने को हालमार्क से बाहर रखा गया है।

खास बात है कि हालमार्क को जीएसटी से जोड़ दिया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों को सराफा व्यापारी का स्टॉक रजिस्टर और जीएसटी रिटर्न जांचने के अधिकार दिए गए हैं। इससे ये पता चलेगा कि व्यापारी ने कुल कितनी हालमार्क ज्वैलरी बेची। हालमार्क सेंटर में आने वाले आभूषणों का लेखा-जोखा ऑनलाइन किया जाएगा। बाद में इसका मिलान व्यापारी के स्टॉक रजिस्टर और हालमार्क सेंटर के बहीखाते से ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए हालमार्क सेंटर हर महीने हालामर्किंग डाटा बीआईएस को भेजेंगे। कोई भी व्यापारी अपने नजदीकी सेंटर से सालभर में कराई गई कुल हालमार्किंग का डाटा ले सकेगा।

समय-समय पर बीआईएस अधिकारी सराफा दुकानों में जाएंगे और ग्राहक बनकर सैंपल के लिए ज्वैलरी खरीदेंगी, इसकी जांच भी की जाएगी। अगर छोटा-मोटा हेरफेर पाया गया तो ज्वैलर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। अगर हालमार्क में हेरफेर का मामला बड़ा पाया गया तो उस सराफा फर्म का बीआईएस लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में व्यापारी को पुराना स्टाक बेचने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। फिर दुकान हमेशा को बंद करा दी जाएगी। ज्वैलरी में इरीडियम, रूथेनियम, कैडमियम आदि पाया गया तो हालमार्क सेंटर ज्वैलरी को रिजेक्ट कर देंगे। ऐसी मिलावटी ज्वैलरी को बेचना प्रतिबंधित होगा।