बीकानेर / जाम्भाणी साहित्य अकादमी, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर तथा साहित्य अकादमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन सोमवार को हुआ। डाॅ. अनिला पुरोहित ने बताया कि समापन सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञाान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. ऐ. के. गहलोत, विशिष्ट अतिथि काॅलेज शिक्षा के सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष एवं अध्यक्षता राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डाॅ. महेन्द्र खड़गावत ने की।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डाॅ. गहलोत ने युवाओं से जाम्भोजी के सिद्धान्तों को अपनाने की अपील की। उन्होनें कहा कि सन्तों के उपदेश आम नागरिकों के लिये ही दिये जाते हैं लेकिन आज के युग में युवाओं की मानविकी से दूरी बढ़ते जाने के कारण ये सिद्धान्त आम व्यक्ति तक नहीं पहुचं पाते हैं। उन्होनें कहा कि विश्नोई समाज की पहचान पर्यावरण प्रेमियों के रूप में बनी है जिसे बनाये रखना समाज की ही जिम्मेवारी है।
विशिष्ट अतिथि डाॅ. राकेश हर्ष ने कहा कि यदि जाम्भोजी के 29 नियमों में से केवल कुछ ही नियम भी जीवन में अपना लिये जावें तो इस प्रकार की संगोष्ठी सही अर्थों में सार्थक होगी।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ. महेन्द्र खड़गावत ने जाम्भोजी के साथ ही बाबा रामदेवजी और तेजाजी का भी जिक्र किया। उन्होनें कहा कि जहां लिखित इतिहास बंद हो जाता है वहीं सन्तों की वाणी इतिहास में कड़ी जोड़ने का काम करती है। डाॅ. खड़गावत ने कहा कि किसी भी समाज द्वारा लिखित पुस्तकों तथ्यों की तुलना में भावनाओं पर अधिक आधारित होती है।
जाम्भाणी अकादमी के सचिव डाॅ. सुरेन्द्र खीचड़ ने कहा कि डाॅ. खड़गावत के निर्देशानुसान युवाओं को अभिलेखागार का अध्ययन करने हेतु प्रेरित किया जावेगा समापन सत्र में श्री बनवारी लाल साहू ने सभी अतिथियों एवं आगन्तुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
आयोजन सचिव डाॅ. इन्द्रा विष्नोई ने बताया कि समापन समारोह से पूर्व प्रातः दो सत्रों का आयोजन हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. भंवर भादानी एवं मुख्य अतिथि डाॅ. सतीश कौशिक रहे। इस सत्र मंें डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने जाम्भोदी की दृष्टि खेजड़ी के विशेष संदर्भ में, डाॅ. श्याम सुन्दर ज्याणी ने पारिवारिक वानिकी एंव डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने लघु फिल्म के माध्यम से प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया। सत्र संचालन डाॅत्र बृजरतन जोशी ने किया। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डाॅ. कृष्णलाल विश्नोई तथा मुख्य अतिथि प्रो. मदन केवलिया रहे।